सर्ल विधि द्वारा धातु की ऊष्मा चालकता ज्ञात करने के प्रयोग में छड़ में अनुदिश ताप प्रवणता होती है
गर्म सिरे के समीप अधिक
शीतल सिरे के समीप अधिक
सभी बिन्दुओं पर समान
गर्म सिरे से शीतल सिरे की ओर अधिक
एक काँच के टुकड़े को उच्च ताप तक गर्म करके ठण्डा होने के लिये रखा गया है, यदि वह चटक जाता है, तो इसका मुख्यत: सम्भव कारण होगा
झील की ऊपरी सतह का ताप ${2^o}C$ है। झील की तली का ताप ....... $^oC$ होगा
दो प्लेटों $\mathrm{A}$ व $\mathrm{B}$ की ऊष्मा चलाकताएं क्रमशः $84 \mathrm{Wm}^{-1} \mathrm{~K}^{-1}$ तथा $126 \mathrm{Wm}^{-1} \mathrm{~K}^{-1}$ हैं। उनकी मोटाई व पृष्ठ क्षेत्रफल एक समान हैं। वे अपने तलों के साथ संपर्क में रखी है। यदि $\mathrm{A}$ व $\mathrm{B}$ के बाहरी तलों का तापमान क्रमशः $100^{\circ} \mathrm{C}$ तथा $0^{\circ} \mathrm{C}$ है। स्थाई अवस्था में संपर्क तल का तापमान________________${ }^{\circ} \mathrm{C}$ है।
विभिन्न पदार्थों की दो छड़ों के सिरों जिनकी ऊष्मीय चालकताएँ, अनुप्रस्थ काट की त्रिज्याएँ एवं लम्बाइयाँ $1 : 2$ के अनुपात में हैं, को समान तापान्तर पर रखा गया है। यदि बढ़ी छड़ में प्रवाहित ऊष्मा की दर $4$ कैलोरी/सैकण्ड है तो छोटी छड़ में प्रवाहित ऊष्मा की दर होगी (कैलोरी/सैकण्ड में)
ताँबे व लोहे की दो एकसमान छड़ें एक समान रूप से मोम से लेपी गई हैं। प्रत्येक का एक सिरा उबलते पानी के ताप पर रखा गया है तब उन पर मोम पिघलने की लम्बाई क्रमश: $ 8.4$ सेमी व $4.2$ सेमी है। यदि ताँबे का ऊष्मा चालकता गुणांक $0.92$ है, तो लोहे का ऊष्मा चालकता गुणांक है