चित्रानुसार एक लम्बे सीधे तार से एक अपरिवर्ती (स्थिर) धारा $I _{1}$ प्रवाहित हो रही है। इस तार से $d$ दूरी पर, क्षैतिज तल में, एक वर्गाकार लूप (पाश) रखा है, जिससे एक स्थिर (अपरिवर्ती ) धारा $I$ प्रवाहित हो रही है। तो, लूप (पाश) पर :
एक नेट आकर्षक बल चालक तार की ओर लगेगा
एक नेट प्रतिकर्षी बल चालक-तार की विपरीत में लगेगा।
एक नेट बल-आघूर्ण, क्षैतिज तल के लम्बवत् ऊपर की ओर लगेगा।
एक नेट बल-आघूर्ण, क्षैतिज तल के लम्बवत् नीचे की ओर लगेगा।
तीन लम्बे सरल रेखीय धारावाही तारों $A$, $B$ एवं $C$ में चित्रानुसार धारा प्रवाहित हो रही है तब B पर कार्यरत नैट बल की दिशा होगी
क स्वचालित वाहन की बैटरी से इसकी चालन मोटर को जोड़ने वाले तारों में $300\, A$ विध्यूत धारा (अल्प काल के लिए ) प्रवाहित होती है। तारों के बीच प्रति एकांक लंबाई पर कितना बल लगता है यदि इनकी लंबाई $70 \,cm$ एवं बीच की दूरी $1.5\, cm$ हो। यह बल आकर्षण बल है या प्रतिकर्षण बल?
कोई वर्गाकार पाश (लूप) $ABCD$ जिससे धारा $i$ प्रवाहित हो रही है, किसी लम्बे सीधे चालक $XY$ जिससे धारा $I$ प्रवाहित हो रही है के निकट एक ही तल में रखा है। इस पाश पर लगने वाला नेट बल होगा:
एक धारा वाहक बन्द लूप( तार फन्द ) $PQRS$ को अचल चुम्बकीय फील्ड में रखा गया है। यदि लूप भागों $PS , SR ,$ और $RQ$ पर क्रमानुसार चुम्बकीय बल $F _{1}, F _{2}$ और $F _{3}$ क्रियाकारी हों और यह कागज़ पृष्ठ के तल में संकेतित दिशाओं में हों तो भाग $QP$ पर क्रियाकारी बल होगा
एक आयताकार कुण्डली में से $i$ धारा प्रवाहित हो रही है। इस कुण्डली को तार के समीप इस प्रकार रखा जाता है कि इसकी एक भुजा तार के समानान्तर रहे। यदि तार में से स्थायी धारा $I$ प्रवाहित हो रही है, तब कुण्डली