तीन लम्बे सरल रेखीय धारावाही तारों $A$, $B$ एवं $C$ में चित्रानुसार धारा प्रवाहित हो रही है तब B पर कार्यरत नैट बल की दिशा होगी

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  • A

    $A$ की ओर

  • B

    $C$ की ओर

  • C

    कागज तल के लम्बवत बाहर की ओर

  • D

    कागज तल के लम्बवत अन्दर की ओर

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दो लम्बे एवं समान्तर तार, जिनमें समान धारा बह रही है, एक दूसरे से $1$ मीटर की दूरी पर रखे हैं, तथा एक दूसरे पर $2 \times {10^{ - 7}}\,N/m$ बल लगाते हैं। इनमें प्रवाहित धारा है

एक धारावाही चालक लूप एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा चित्रानुसार कागज के तल में लम्बवत् अन्दर की ओर है। लूप की प्रवृत्ति होगी

  • [IIT 2003]

एक स्थिर क्षैतिज तार में $200\, A$ धारा प्रवाहित हो रही है। एक अन्य तार, जिसका रेखीय द्रव्यमान घनत्व ${10^{ - 2}}\,kg/m$ है, को प्रथम तार के $2\, cm$ नीचे (समान्तर) रखा गया है। यदि यह तार वायु में बिना किसी सहारे के तैरता है तो इस तार में प्रवाहित धारा का परिमाण व दिशा होंगे

दो तार $1$ व $2$ एक दूसरे के साथ चित्रानुसार $\theta $ कोण पर झुके हुए हैं एवं इनमें क्रमश: ${i_1}$ व ${i_2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं। तार $1$ से $r$ दूरी पर स्थित चालक $2$ के अल्पांश $dl$ पर लगने वाला बल (तार $1$ के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण) है

  • [AIIMS 2013]

एक कमानीदार तुला के कुचालक हैंगर की सहायता से एक $a$ भुजा वाले वर्ग को लटकाया गया है। $B$ तीव्रता का चुम्बकीय क्षेत्र चित्रानुसार केवल वर्ग की निचली भुजा पर कार्यरत है। वर्गाकार लूप में प्रवाहित धारा $I$ है तब धारा की दिशा परिवर्तित करने पर तुला के पाठ्यांक में परिवर्तन है