एक आयताकार कुण्डली में से $i$ धारा प्रवाहित हो रही है। इस कुण्डली को तार के समीप इस प्रकार रखा जाता है कि इसकी एक भुजा तार के समानान्तर रहे। यदि तार में से स्थायी धारा $I$ प्रवाहित हो रही है, तब कुण्डली

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  • [AIIMS 2003]
  • [IIT 1985]
  • A

    तार के समान्तर अक्ष के परित: घूम जायेगी

  • B

    तार से दूर अथवा दायीं ओर चलेगी

  • C

    तार की ओर चलेगी

  • D

    स्थिर रहेगी

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$200\, g$ द्रव्यमान तथा $1.5 \,m$ लंबाई के किसी सीधे तार से $2\, A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है। यह किसी एकसमान क्षेतिज $B$ चुंबकीय क्षेत्र द्वारा वायु के बीच में निलंबित है ( चित्र )। चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण ज्ञात कीजिए।

दो समाक्षी परिनालिकाओं में, प्रत्येक से $I$ धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है। यदि, बाहरी परिनालिका के कारण, भीतरी परिनालिका पर चुम्बकीय बल $\overrightarrow{ F }_{1}$ तथा भीतरी परिनालिका के कारण, बाहरी पारिनालिका पर चुम्बकीय बल $\overrightarrow{ F }_{2}$ हो तो

  • [JEE MAIN 2015]

एक $3.0\, cm$ लंबा तार जिसमें $10\, A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है, एक परिनालिका के भीतर उसके अक्ष के लंबवत रखा है। परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र का मान $0.27\, T$ है। तार पर लगने वाला चुंबकीय बल क्या है।

$1.5$ मीटर लम्बे तार में $5$ ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। $2$ टेसला के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर इस पर $7.5\, N$ का बल लगता है। चुम्बकीय क्षेत्र की धारा की दिशा के बीच का कोण ......$^o$ होगा

लचीले तार से अनियमित आकति में बना कोई लूप, जिससे धारा प्रवाहित हो रही है किसी बाहरी चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है। चुम्बकीय क्षेत्र के तार पर प्रभाव की पहचान कीजिए।

  • [JEE MAIN 2021]