एक प्रोटॉन $50,000\, V$ से त्वरित किया गया है, इसकी ऊर्जा में वृद्धि है
$5000 \,eV$
$8 \times {10^{ - 15}}\,J$
$5000 \,J$
$50,000\, J$
नीचे दिए गए चित्र में एक आवेश विन्यास जिसे विध्यूत चतुर्ध्रुवी कहा जाता है, दर्शाया गया है। चतुर्ध्रुवी के अक्ष पर स्थित किसी बिंदु के लिए $r$ पर विभव की निर्भरता प्राप्त कीजिए जहाँ $r / a>>1$ । अपने परिणाम की तुलना एक विध्यूत द्विध्रुव व विध्यूत एकल ध्रुव (अर्थात् किसी एकल आवेश ) के लिए प्राप्त परिणामों से कीजिए।
$100\, V$ विभवान्तर द्वारा विरामावस्था से त्वरित एक इलेक्ट्रॉन तथा $\alpha $-कण के संवेगों का अनुपात है
चार सर्वसम आवेश प्रत्येक का मान $ + \,50\,\mu C$ है, $2\,m$ भुजा वाले वर्ग के चारों कोनों पर एक-एक आवेश रखा जाता है। $ + \,50\,\mu C$ के एक अन्य आवेश को अनन्त से वर्ग के केन्द्र तक लाने के लिये आवश्यक बाह्य ऊर्जा.....$J$ होगी
(दिया गया है $\frac{{\rm{1}}}{{{\rm{4}}\pi {\varepsilon _{\rm{0}}}}} = 9 \times {10^9}\,\frac{{N{m^2}}}{{{C^2}}}$)
किसी विधुत परिपथ में संयोजित किसी बैटरी द्वारा परिपथ में किसी दिए गए समय में $20\, C$ का आवेश प्रवाहित कराया जा रहा है। इस बैटरी की दोनों प्लेटों के बीच $15 \,V$ का विभवान्तर बनाए रखा गया है। इस बैटरी द्वारा किया गया कार्य जूल होगा।
किसी वृत्त के केन्द्र पर $10$ इकाई का आवेश रखा है। वृत्त की त्रिज्या $10\,m$ है। $1$ इकाई के आवेश को वृत्त की परिधि पर घुमाने में किया गया कार्य .......इकाई होगा