चार सर्वसम आवेश प्रत्येक का मान $ + \,50\,\mu C$ है, $2\,m$ भुजा वाले वर्ग के चारों कोनों पर एक-एक आवेश रखा जाता है। $ + \,50\,\mu C$ के एक अन्य आवेश को अनन्त से वर्ग के केन्द्र तक लाने के लिये आवश्यक बाह्य ऊर्जा.....$J$ होगी
(दिया गया है $\frac{{\rm{1}}}{{{\rm{4}}\pi {\varepsilon _{\rm{0}}}}} = 9 \times {10^9}\,\frac{{N{m^2}}}{{{C^2}}}$)
$64$
$41$
$16$
$10$
जब घन के प्रत्येक कोने पर समान आवेश $ - q$ स्थित है। यदि घन की प्रत्येक भुजा की लम्बाई $ b$ है तो इसके केन्द्र पर रखे $ + q$ आवेश की स्थितिज ऊर्जा होगी
एक पिलैट (Pellet) जिस पर $0.5$ कूलॉम आवेश है, को $2000$ वोल्ट से त्वरित किया जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा है
दो बिन्दुओं $P$ एवं $Q$ के विभ्नवों को क्रमश: $10\, V$ एवं $-4\, V$ पर बनाए रखा जाता है। $100$ इलेक्ट्रॉनों को $P$ से $Q$ तक गति कराने में किया गया कार्य है
$1\,gm$ द्रव्यमान तथा ${10^{ - 8}}\,C$ आवेश की एक गेंद को बिन्दु $A$ जिस पर $600\, V$ विभव है से बिन्दु $B$ जिस पर विभव शून्य है तक ले जाया जाता है। बिन्दु $B$ पर गेंद का वेग $20$ सेमी./सैकण्ड़ है। बिन्दु $A$ पर गेंद का वेग होगा
एक आवेश $( - \,q)$ तथा अन्य आवेश $( + \,Q)$ क्रमश: दो बिन्दुओं $A$ व $B$ पर रखे हैं। आवेश $( + \,Q)$ को $B$ पर स्थिर रखते हुये, $A$ के आवेश $( - \,q)$ को बिन्दु $C$ तक इस प्रकार चलाते हैं कि $l$ भुजा का समबाहु त्रिभुज $ABC$ बन जाये। आवेश $( - \,q)$ को चलाने में किया गया कुल कार्य है