किसी विधुत परिपथ में संयोजित किसी बैटरी द्वारा परिपथ में किसी दिए गए समय में $20\, C$ का आवेश प्रवाहित कराया जा रहा है। इस बैटरी की दोनों प्लेटों के बीच $15 \,V$ का विभवान्तर बनाए रखा गया है। इस बैटरी द्वारा किया गया कार्य जूल होगा।
$400$
$300$
$200$
$250$
एक $m$ द्रव्यमान तथा $e$ आवेश के प्रोटॉन को लम्बी दूरी से $\alpha$ कण की ओर $v$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। $\alpha$ कण शुरुआत में स्थिर अवस्था में है, परंतु गति करने के लिय स्वतंत्र है। गुरुत्व को नगण्य मानते हुए, उनकी गति की रेखा में, $\alpha$ कण और प्रोटॉन के बीच की न्यूनतम दूरी क्या होगी ?
एक $\alpha$ - कण को ${10^6}\,$ वोल्ट के विभवान्तर से त्वरित किया जाता है कण की गतिज ऊर्जा.......$MeV$ होगी
दो आवेश ${q_1}$ तथा ${q_2}$, $30\,\,cm$ दूरी पर चित्रानुसार स्थित हैं। एक तीसरे आवेश ${q_3}$ को $40\,cm$ त्रिज्या के वृत्त के चाप के अनुदिश $C$ से $D$ तक चलाया जाता है। निकाय की स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन $\frac{{{q_3}}}{{4\pi {\varepsilon _0}}}k$ है, यहाँ $k$ का मान है
वै त क्षेत्र $E$, $X - $ दिशा में है। यदि $0.2\,C$ के आवेश को $X$-अक्ष के साथ $60^\circ $ का कोण बनाने वाली रेखा पर $2$ मीटर दूर तक चलाया जाये, तो कार्य का मान $4$ जूल है। $E$ का मान ......$N/C$ है
एक मूल कण जिसका द्रव्यमान $m$ व आवेश $ + \,e$ है को $v$ वेग से एक बहुत भारी कण जिस पर आवेश $Ze$ (जहाँ $Z > 0$) है, की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। आपतित कण की निकटतम पहुँच दूरी होगी