एक कण एक बल के प्रभाव में विराम अवस्था से गति प्रारंभ करता है। बल, कण द्वारा चली दूरी के अनुसार इस प्रकार परिवर्तित होता है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। $3\, m$ दूरी चलने के बाद कण की गतिज ऊर्जा $......\,J$ है।
$2.5$
$4$
$5$
$6.5$
$20 \,cm$ मोटाई की मिट्टी की दीवार भेदने से ठीक पहले $20\, g$ द्रव्यमान की एक गोली की चाल $1\, ms ^{-1}$ है। यदि दीवार $2.5 \times 10^{-2} \,N$ का औसत अवरोध लगाती है तो दीवर के दूसरे तरफ से निर्गत गोली की चाल का सन्निकट मान $......\,ms ^{-1}$ होगा।
$3$ ग्राम के एक कण पर एक बल इस प्रकार कार्य करता है कि समय के सापेक्ष कण की स्थिति $x = 3t - 4{t^2} + {t^3}$से दी जाती है जहाँ $x$ मीटर में तथा $t$ सैकण्ड में है। प्रथम चार सैकण्ड में किया गया कार्य ........ $mJ$ होगा
$1\, kg$ के पिण्ड पर बल लगाने से उसमें उत्पन विस्थापन का समीकरण $x = \frac{{{t^3}}}{3}$ मीटर है। इस बल द्वारा प्रथम सैकण्ड में किया गया कार्य ................ $\mathrm{J}$ होगा
$1$ ग्राम द्रव्यमान की वर्षा के पानी की एक बूँद, $1 \,km$ ऊँचाई से गिरती है और भू-तल से $50\, m / s$ की चाल से टकराती है। यदि $'g'$ का मान $10 \,m / s ^{2}$ स्थिर रहे तो, $(i)$ गुरूत्वीय बल तथा $(ii)$ वायु के प्रतिरोधक बल द्वारा किया गया कार्य होगा :
चित्र में दिखाई गति एक दीर्घ वृत्ताकार पटरी (rail) $P Q$ ऊर्ध्व तल में स्थित है तथा दूरियाँ $O P=3 m$ तथा $O Q=4 \ m$ हैं। $1 \ kg$ द्रव्यमान के एक गुटके को पटरी पर $P$ से $Q$ तक $18 \ N$ बल से खींचा जाता है; बल की दिशा सदैव रेखा $PQ$ के समातंर है (चित्र देखिये)। घर्षण के कारण होने वाली क्षति को नगण्य मानते हुए गुटके के बिंदु $Q$ पर पहुँचने पर उसकी गति ऊर्जा $( n \times 10)$ जूल है। $n$ का मान है(गुरूत्वीय त्वरण का मान $=10 ms ^{-2}$ ):