चित्र में दिखाई गति एक दीर्घ वृत्ताकार पटरी (rail) $P Q$ ऊर्ध्व तल में स्थित है तथा दूरियाँ $O P=3 m$ तथा $O Q=4 \ m$ हैं। $1 \ kg$ द्रव्यमान के एक गुटके को पटरी पर $P$ से $Q$ तक $18 \ N$ बल से खींचा जाता है; बल की दिशा सदैव रेखा $PQ$ के समातंर है (चित्र देखिये)। घर्षण के कारण होने वाली क्षति को नगण्य मानते हुए गुटके के बिंदु $Q$ पर पहुँचने पर उसकी गति ऊर्जा $( n \times 10)$ जूल है। $n$ का मान है(गुरूत्वीय त्वरण का मान $=10 ms ^{-2}$ ):
$4$
$5$
$6$
$7$
एक मेज के छोर पर रखे एक छोटे बक्से को इस प्रकार ठोका गया कि वह $1$ मीटर दूर स्थित दूसरे छोर से $2$ सेकंड बाद गिर जाता है। मेज एवं बक्से के बीच का गतिज घर्षण गुणांक
दो आनत तल चित्र मे दर्शाये अनुसार रखे हुए हैं। $AB$ आनत तल के $A$ बिंदु से एक गुटके को तल के अनुदिश मात्र इतने वेग से प्रक्षेपित किया जाता है कि बस यह आनत तल के शीर्ष तक पहुँच सके, जो कि $10\,m$ की ऊँचाई पर है। बिन्दु $B$ पर पहुँचने के बाद यह गुटका $BC$ तल पर फिसलता है। बिन्दु $A$ स $C$ पर पहुँचने में इसे $t (\sqrt{2}+1) s$ का समय लगता है। $t$ का मान होगा। $\left( g =10\,m / s ^2\right.$ प्रयोग करें)
किसी तोप से चलाये गये गोले में वायु में विस्फोट होता है, तब
एक कण प्रारंभ में घर्षण रहित क्षैतिज तल पर विराम में स्थित है। कण पर नियत परिमाण व दिशा का क्षैतिज बल आरोपित किया जाता है। पिण्ड पर किये गये कार्य $(W)$ व उसके वेग $(v) $ के मध्य सही ग्राफ होगा (यदि कण पर कोई अन्य क्षैतिज बल नहीं लग रहा है)
एक बंदूक से एक $10$ ग्राम की गोली $1000$ मी/सेकंड प्रारम्भिक वेग से निकलती है तथा समान लेवल पर पृथ्वी पर $500$ मी/सेकंड से टकराती है किया गया कार्य जूल में है