एक कुचालक वलय जिसकी त्रिज्या $0.5\,m$ है तथा जिस पर आवेश $1.11 \times {10^{ - 10}}\,C$ है। आवेश वलय पर असमान रूप से वितरित है तथा इसके कारण विद्युत क्षेत्र $\vec E$ उत्पन होता है रैखिक समाकलन $\int_{l = \infty }^{l = 0} {\, - \overrightarrow E .\overrightarrow {dl} }$ का वोल्ट में मान है  ($l=0$, वलय का केन्द्र)

  • [IIT 1997]
  • A

    $2$

  • B

    $-1$

  • C

    $-2$

  • D

    $0$

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$4$ सेमी त्रिज्या वाले गोले को $6$ सेमी त्रिज्या वाले खोखले गोले के भीतर लटकाया गया है। अन्दर वाले गोले को $3\, e.s.u.$ विभव तक आवेशित किया गया है तथा बाहर वाला गोला पृथ्वी से जुड़ा है। अन्दर वाले गोले पर आवेश.......$e.s.u.$ है

$10$ सेमी और $15$ सेमी त्रिज्या के आवेशित गोलाकारों को पतले तार से संयोजित करने पर कोई धारा प्रवाह नहीं होती है, यदि

एक साबुन के बुलबुले जिसका विभव $16\,V$ है, की त्रिज्या दुगनी कर दी जाये तो, बुलबुले का नया विभव ........$V$ हो जायेगा

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  • [NEET 2020]

एक $5$ सेमी त्रिज्या के खोखले गोलाकार को $10$ वोल्ट तक आवेशित किया जाता है। गोलाकार के केन्द्र पर विद्युत विभव होगा

  • [IIT 1983]