एक साबुन के बुलबुले जिसका विभव $16\,V$ है, की त्रिज्या दुगनी कर दी जाये तो, बुलबुले का नया विभव ........$V$ हो जायेगा
$2$
$4$
$8$
$16$
$R$ त्रिज्या के वृत्त पर $10$ इलेक्ट्रॉन एक दूसरे से समान दूरी पर स्थित हैं। अनन्त पर $V = 0$ के सापेक्ष केन्द्र $C$ पर विद्युत विभव $V$ व विद्युत क्षेत्र $E$ होंगे
$a, b$ एवं $c[a < b < c]$ त्रिज्याओं वाले तीन सकेन्द्रीय धात्विक कोशों $\mathrm{X}, \mathrm{Y}$ एवं $\mathrm{Z}$ पर पृष्ठ धारा घनत्व क्रमशः $\sigma,-\sigma$ एवं $\sigma$ है। कोशों $\mathrm{X}$ एवं $\mathrm{Z}$ पर विभव समान है। यदि कोशों $\mathrm{X}$ एवं $\mathrm{Y}$ की त्रिज्याऐं क्रमशः $2 \mathrm{~cm}$ एवं $3 \mathrm{~cm}$ हैं। कोश $Z$ की त्रिज्या_______________$\mathrm{cm}$ है।
धातुओं के बने हुए दो गोलाकार समकेन्द्रीय खोलों की त्रिज्या $R$ और $4 R$ है तथा इन पर क्रमश: $Q _{1}$ और $Q _{2}$ आवेश हैं। यदि दोनों खोलों पर सतहीय आवेश घनत्व (surface charge density) समान हो तो विभवान्तर $V ( R )- V (4 R )$ का मान है :
एक गोलीय चालक जिसकी त्रिज्या $2$ मीटर है, को $120\, V$ तक आवेशित किया गया। इसे अब $6$ मीटर त्रिज्या वाले अन्य खोखले गोलीय चालक के अन्दर रख दिया गया है। बड़े गोले का विभव ......$V$ होगा
प्रत्येक $10\,V$ तक आवेशित पारे की $64$ बूँदों को मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी गयी है। बड़ी बूँद पर विभव ........$V$ होगा (प्रत्येक बूँद गोलाकार मानी जाये)