$10$ सेमी और $15$ सेमी त्रिज्या के आवेशित गोलाकारों को पतले तार से संयोजित करने पर कोई धारा प्रवाह नहीं होती है, यदि
दोनों पर समान आवेश है
दोनों का विभव समान है
दोनों में समान ऊर्जा है
दोनों के पृष्ठों पर समान वैद्युत क्षेत्र है
एकसमान आवेश घनत्व वाले एक गोले की कल्पना कीजिए जिसका कुल आवेश Q तथा त्रिज्या $R$ है. इस गोले के अन्दर स्थिरवैद्युत विभव के वितरण को $\emptyset(r)=\frac{Q}{4 \pi \epsilon_0 R}\left(a+b(r / R)^c\right)$ से निरूपित किया गया है. मान लीजिये कि अनंत पर विभव शून्य है. इस आधार पर $(a$, $b, c)$ के मान क्या होंगे?
एक धनावेशित चालक
एक कुचालक वलय जिसकी त्रिज्या $0.5\,m$ है तथा जिस पर आवेश $1.11 \times {10^{ - 10}}\,C$ है। आवेश वलय पर असमान रूप से वितरित है तथा इसके कारण विद्युत क्षेत्र $\vec E$ उत्पन होता है रैखिक समाकलन $\int_{l = \infty }^{l = 0} {\, - \overrightarrow E .\overrightarrow {dl} }$ का वोल्ट में मान है ($l=0$, वलय का केन्द्र)
एक चालक गोले की त्रिज्या $R$ है। इस पर $Q$ आवेश है। गोले के केन्द्र पर विधुत विभत तथा विधुत क्षेत्र क्रमशः हैं
$Q$ आवेश से आवेशित, $R$ त्रिज्या के गोलीय चालक के अन्दर केन्द्र से $x$-दूरी पर विभव होगा