$0.5\, kg\, m ^{-1}$ प्रति इकाई लम्बाई द्रव्यमान की किसी धातु की क्षैतिज छड़ को एक चिकने आनत तल पर जो क्षैतिज से $30^{\circ}$ का कोण बनाता है, रखा गया है । इस छड़ को इसमें विघ्युत धारा प्रवाहित कराकर नीचे सरकने नहीं दिया जाता जब इस पर $025\, T$ प्रेरण का चुम्बकीय क्षेत्र ऊर्ध्वाधर दिशा में कार्य कर रहा है । छड़ को स्थिर रखने के लिए इसमें प्रवाहित धारा..........$A$ है
$7.14 $
$\;$$5.98 $
$11.32 $
$\;$$14.76 $
एक रेखीय चालक जिसकी लम्बाई $40\, cm$ है तथा इसमें $3\, A$ धारा बह रही है, $500$ गॉस तीव्रता के एक चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है। अगर चालक चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से $30^\circ $ का कोण बनाता है तो उस पर लगने वाले बल का मान होगा
कोई वर्गाकार पाश (लूप) $ABCD$ जिससे धारा $i$ प्रवाहित हो रही है, किसी लम्बे सीधे चालक $XY$ जिससे धारा $I$ प्रवाहित हो रही है के निकट एक ही तल में रखा है। इस पाश पर लगने वाला नेट बल होगा:
एक धात्विक लूप चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि इसमें धारा प्रवाहित की जाये तो
दो लम्बे, सीधे, समान्तर तारों के बीच की दूरी $d$ है। इनसे $I _{1}$ तथा $I _{2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं ( जिनके मान समायोजित किये जा सकते हैं) यदि इन तारों के बीच प्रतिकर्षण होने पर इनके बीच बल $' F '$ को 'धनात्मक' तथा इन के बीच आकर्षण होने पर बल $F$ को ऋणात्मक माना जाय तो, $I _{1}$ तथा $I _{2}$ के गुणनफल $\left( I _{1} I _{2}\right)$ पर ' $F ^{\text {' }}$ के निर्भर होने को कौन सा ग्राफ ठीक (सही) दर्शाता है ?
दो पतले लम्बे तारों मैं प्रत्येक से $I$ धारा प्रवाहित हो रही है। इन्हें $L$ लम्बाई के विघुततरोधी धागों से लटकाया गया है। इन धागों में प्रत्येक के द्वारा ऊर्ध्वाधर दिशा से $'\theta^{\prime}$ कोण बनाने की स्थिति में, ये दोनों तार साम्यावस्था में रहते हैं। यदि इन तारों की प्रति इकाई लम्बाई द्रव्यमान $\lambda$ है तथा $g$ गुरुत्वीय त्वरण है तो, $I$ का मान होगा