एक वस्तु पूर्व दिशा कि ओर $30$ मी/से के वेग से जा रही है | $10$ सेकंड के बाद वह $40$ मी /से के वेग से उत्तर कि ओर गति करती है |वस्तु का औसत त्वरण है
धरती पर बिन्दु $A$ से ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर वायु में एक गुब्बारा गतिशील है। जब गुब्बारा ऊँचाई $h_{1}$ पर है तब $A$ से $d$ दूरी (बिन्दु B) पर खड़ी एक लड़की को ऊर्ध्व से $45^{\circ}$ के कोण पर वह दिखाई देता है ( चित्र देखें)। जब गुब्बारा अतिरिक्त ऊँचाई $h _{2}$ तय करता है, तब लड़की को $2.464 d$ अतिरिक्त दूरी (बिन्दु C) तय करने पर गुब्बारा ऊर्ध्व से $60^{\circ}$ पर दिखाई देता है। ऊँचाई $h _{2}$ का मान है। $\left(\tan 30^{\circ}=0.5774\right)$
समय के फलन के रूप में किसी कण का स्थिति सदिश $\overrightarrow{ R }$ दिया गया है
$\overrightarrow{ R }=4 \sin (2 \pi t ) \hat{ i }+4 \cos (2 \pi t ) \hat{ j }$
जहाँ $R$ मीटर में तथा $t$ सेकण्ड में है और $\hat{ i }$ तथा $\hat{ j }$ क्रमश: $X-$तथा $y-$दिशाओं के अनुदिश एकांक सदिश हैं। इस कण की गति के लिये निम्नांकित में से कौनसा कथन सही नहीं है ?
यदि सदिश $\overrightarrow{ A }=\cos \omega \hat{ t }+\sin \omega \hat{ j }$ तथा सदिश $\overrightarrow{ B }=\cos \frac{\omega t }{2} \hat{ i }+\sin \frac{\omega t }{2} \hat{ j }$ समय के फलन है, तो $t$ का मान क्या होगा जिस पर ये सदिश परस्पर लंबकोणि होगी ?
एक प्रक्षेप्य को प्रारांभिक वेग $(\hat{i}+2 \hat{j}) m / s$ दी जाती है, जहाँ $\hat{i}$ जमीन या क्षैतिज के अनुदिश तथा $\hat{j}$ उर्ध्वांधर के अनुदिश इकाई/सदिश है। यदि $g =10\, m / s ^{2}$ है, तो इसके प्रक्षेप्य पथ का समीकरण होगा