दर्शाये गए चित्रानुसार $x-y$ तल में स्थित एक विधुत $I$ धारावाही चालक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में रखा है। यदि चालक पर लगने वाले कुल चुम्वकीय बल का परिमाण $F$ है, तब सही विकल्प है (हैं):
$(A)$ यदि $\vec{B}$ की दिशा $\hat{z}$ है तब $F \propto(L+R)$
$(B)$ यदि $\vec{B}$ की दिशा $\hat{x}$ है तव $F=0$
$(C)$ यदि $\vec{B}$ की दिशा $\hat{y}$ है तब $F \propto(L+R)$
$(D)$ यदि $\vec{B}$ की दिशा $\hat{Z}$ है तब $F=0$
$(A,B,C)$
$(A,B,D)$
$(A,C,D)$
$(B,C,D)$
दो समान्तर तार एक दूसरे से $1$ मीटर-दूरी पर रखे हैं, इनमें $1\;A$ धारा प्रवाहित होती है। प्रति एकांक लम्बाई पर आकर्षण बल होगा
एक वृत्ताकार छल्ले की त्रिज्या $5$ सेमी है और उसमें $0.1$ ऐम्पियर की धारा बह रही है। इसका चुम्बकीय आघूर्ण है
एक अनन्त लंबाई का धारावाहक तार तथा एक छोटा-सा धारावाहक पाश कागज के समतल में चित्रानुसार रखे हैं। पाश की त्रिज्या $a$ तथा तार से इसके केंद्र की दूरी $d$ है $( d \gg a )$ । यदि पाश द्वारा तार पर बल $F$ है तो $:$
जैसा कि निम्न रेखाचित्र में दर्शाया गया है, एक प्रयोग में विन्यास $A$ के अनुसार दो समानान्तर तारों में विपरीत दिशा में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है. दूसरा विन्यास $B$ पहले विन्यास $A$ के समरूप है, परन्तु इस विन्यास में दोनों तारों के बीच एक धातु की प्लेट रखी गयी है। यदि मान लें कि बिन्यास $A$ एवं $B$ में दोनों तारों के बीच लगे बलों का मान क्रमशः $F_{ A }$ एवं $F_{ B }$ है, तो
$20\,cm \times 20\,cm$ आयताकार कुण्डली में $100$ फेरे हैं और इसमें $1\, A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। इसे एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B =0.5\, T$ में रखा गया है तथा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा कुण्डली के तल में है। इस कुण्डली को इसी स्थिति में बनाये रखने के लिये किस मान के बल आघूर्ण की आवश्यकता ......$N-m$ होगी