एक आवेश $Q\;\mu C$ को घन के केन्द्र पर रखा गया है। घन के प्रत्येक पृष्ठ से गुजरने वाला फ्लक्स है
$\frac{Q}{8 \varepsilon_{0}}$
$\frac{Q}{24 \varepsilon_{0}} $
$\frac{Q}{6 \varepsilon_{0}} \times 10^{-3}$
$\frac{Q}{6 \varepsilon_{0}} \times 10^{-6}$
धातु का बना एक ठोस गोला एक समांगी (Uniform) विद्युत क्षेत्र में रखा हुआ है। चित्र में दिखाई गई रेखाओं में से सही बल रेखा है
चित्रानुसार एक अनंत लंवाई के एकसमान आवेशित सीधे तार, जिसका रैखिक आवेश घनत्व $\lambda$ है, को $y-z$ तल में $y$-अक्ष के समांतर $z=\frac{\sqrt{3}}{2} a$ दूरी पर रखा गया है। यदि इसके विधुत क्षेत्र का $x-y$ तल में स्थित मूल विंदु पर केन्द्रित $A B C D$ आयताकार सतह से होकर जाने वाला फ्लक्स ( $\varepsilon_0=$ परावैद्युतांक का परिमाण) $\frac{\lambda L }{ n \varepsilon_0}$ है. तब $n$ का मान है।
एक आवेश को एक बेलनाकार क्षेत्र के केंद्र बिंदु $P$ पर चित्रानुसार रखा गया है जिससे बेलन के दो छोर, बिंदु $P$ पर $\theta$ अर्ध-कोण अंतरित करते हैं। जब $\theta=30^{\circ}$ तो बेलन के बेलनाकार पृष्ठ से विद्युत फ्लक्स (flux) $\Phi$ है। यदि $\theta=60^{\circ}$ तो बेलनाकार पृष्ठ से विद्युत फ्लक्स $\Phi / \sqrt{n}$ है, जहाँ $n$ का मान .......... है।
किसी लम्बे बेलनाकार कोश के ऊपरी भाग में धनात्मक पृष्ठ आवेश $\sigma$ तथा निचले भाग में ऋर्णात्मक पृष्ठ आवेश $-\sigma$ हैं। इस बेलन (सिलिन्डर) के चारों ओर विघुत क्षेत्र-रेखायें, यहाँ दर्शाये गये आरेखों में से किस आरेख के समान होंगी ?
(यह आरेख कंवल व्यवस्था आरेख है और स्कंल के अनुसार नहीं है )
प्रदर्शित चित्र में $\mathrm{C}_1$ तथा $\mathrm{C}_2$ दो खोखले संकेन्द्रीय घन है जिनके अन्दर क्रमशः $2 Q$ व $3 Q$ आवेश स्थित है। $\mathrm{C}_1$ व $\mathrm{C}_2$ से गुजरने वाले वैद्युत फ्लक्स का अनुपात है :