उचित प्रकार से समंजित स्पर्शज्या धारामापी में प्रवाहित होने वाली धारा का कोई मान $45°$ का विक्षेप उत्पन्न करता है । यदि धारा $\sqrt 3 $ के गुणांक से कम कर दी जाए, तो विक्षेप
$ 30° $ से घट जाएगा
$15° $ से घट जायेगा
$15° $ से बढ़ जाएगा
$30°$ से बढ़ जाएगा
निम्न में से कौन सा वक्र स्पर्शज्या धारामापी में धारा और विक्षेप के सम्बन्घ को सही दर्शाता है
दोलन चुम्बकत्वमापी का उपयोग करके एक चुम्बक को दो स्थानो $A $ तथा $B$ पर क्षैतिज तल में कम्पन कराया जाता है । यदि चुम्बक का दोलनकाल $A$ तथा $ B$ स्थानों पर क्रमश: $2$ सैकण्ड तथा $3$ सैकण्ड हो तथा इन स्थानों पर पृथ्वी के क्षैतिज घटक क्रमश: $H_A$ तथा $H_B$ हों, तो $H_A$ और $H_B$ के बीच अनुपात है
$M_A$ चुम्बकीय आघूर्ण वाले छड़ चुम्बक $A $ की दोलन आवृत्ति, $M_B $ चुम्बकीय आघूर्ण वाले छड़ चुम्बक $B$ की दोलन आवृत्ति से दुगनी है, तब
एक चुम्बक को दोलन चुम्बकत्वमापी में स्वतंत्र रूप से लटकाने पर किसी स्थान $A $ पर प्रति मिनिट $10 $ दोलन करती है तथा अन्य स्थान $B$ पर यह $ 20$ दोलन प्रति मिनिट करती है। यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक स्थान $A $ पर $36 \times {10^{ - 6}}\,T,$ हो तो इसका मान $B$ पर होगा
एक स्पर्शज्या धारामापी की कुण्डली में $50 $ फेरे हैं और कुण्डली की त्रिज्या $4$ सेमी है । इसमें होकर $0.1$ ऐम्पियर की धारा प्रवाहित की जाती है । कुण्डली के तल को पृथ्वी के चुम्बकीय याम्योत्तर के समानान्तर स्थिर किया जाता है । यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षैतिज घटक की तीव्रता का मान $7 \times {10^{ - 5}}$ टेसला हो तथा ${\mu _0} = 4\pi \times {10^{ - 7}}$ वेबर/ऐम्पियर´$×$ मीटर हो तो धारामापी की सुई में उत्पन्न विक्षेप का मान .....$^o$ होगा