निम्न में से कौन सा वक्र स्पर्शज्या धारामापी में धारा और विक्षेप के सम्बन्घ को सही दर्शाता है
$A$
$B$
$C$
$D$
दोलन चुम्बकत्वमापी में एक चुम्बक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $H $ में दोलन करता है, उसका दोलनकाल $ T$ है । यदि चुम्बकीय क्षेत्र $H$ का मान चार गुना कर दिया जाता है तो आवर्तकाल होगा
क्षैतिज तल में रखे एक छोटे छड़ चुंबक का अक्ष, चुंबकीय उत्तर-दक्षिण दिशा के अनुदिश है संतुलन बिंदु चुंबक के अक्ष पर, इसके केंद्र से $14 \,cm$ दूर स्थित है। इस स्थान पर पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र $0.36\, G$ एवं नति कोण शून्य है। चुंबक के अभिलंब समद्विभाजक पर इसके केंद्र से उतनी ही दूर ( $14 \,cm$ ) स्थित किसी बिदु पर परिणामी चुंबकीय क्षेत्र क्या होगा?
एक स्पर्शज्या धारामापी की कुण्डली में $10 $ फेरे हैं तथा त्रिज्या $0.1\,m$ है। $60°$ के विक्षेप के लिये आवश्यक धारा ......$A$ होगी $({B_H} = 4 \times {10^{ - 5}}\,T)$
स्पर्शज्या धारामापी में परिवर्तन गुणांक का मात्रक है
एक स्पर्शज्या धारामापी की कुण्डली में $50 $ फेरे हैं और कुण्डली की त्रिज्या $4$ सेमी है । इसमें होकर $0.1$ ऐम्पियर की धारा प्रवाहित की जाती है । कुण्डली के तल को पृथ्वी के चुम्बकीय याम्योत्तर के समानान्तर स्थिर किया जाता है । यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षैतिज घटक की तीव्रता का मान $7 \times {10^{ - 5}}$ टेसला हो तथा ${\mu _0} = 4\pi \times {10^{ - 7}}$ वेबर/ऐम्पियर´$×$ मीटर हो तो धारामापी की सुई में उत्पन्न विक्षेप का मान .....$^o$ होगा