$6\,\mu \,F$ धारिता के एक संधारित्र को $100$ वोल्ट तक आवेशित किया गया है। संधारित्र से संचित ऊर्जा........जूल है
$0.6 $
$0.06$
$0.03$
$0.3$
एक संधारित्र की धारिता $2\,\mu \,F$ है एवं इसे $50\, V$ तक आवेशित किया गया है। इसमें संचित ऊर्जा है
किसी समांतर पट्टिका संधारित्र की प्रत्येक पट्टिका का क्षेत्रफल $90\, cm ^{2}$ है और उनके बीच पृथकन $2.5\, mm$ है। $400\, V$ संभरण से संधारित्र को आवेशित किया गया है।
$(a)$ संधारित्र कितना स्थिरवैध्यूत ऊर्जा संचित करता है?
$(b)$ इस ऊर्जा को पट्टिकाओं के बीच स्थिरवैध्यूत क्षेत्र में संचित समझकर प्रति एकांक आयतन ऊर्जा $u$ ज्ञात कीजिए। इस प्रकार, पट्टिकाओं के बीच विध्यूत क्षेत्र $E$ के परिमाण और $u$ में संबंध स्थापित कीजिए।
एक समान्तर प्लेट संधारित्र का प्लेट-क्षेत्रफल $A$ तथा प्लेट अन्तराल $d$ है। इसे $V_o$ विभव तक आवेशित किया जाता है। आवेशक बैटरी को हटाकर इसकी प्लेटों को दूर की ओर खींच कर इसका प्लेट अन्तराल पूर्व की तुलना में तीन गुना कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में किया गया कार्य है
एक समान्तर प्लेट धारित्र के प्लेटों के बीच एकसमान विद्युत क्षेत्र $'\vec{E}'$ है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी $'\mathrm{d}'$ तथा प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $'A'$ हो तो धारित्र में एकत्रित ऊर्जा है : $\left(\varepsilon_{0}=\right.$ निर्वात की विद्युतशीलता)
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों को अलग-अलग करने में, किसी बाह्य कारक द्वारा किया गया कार्य है