$(5 \pm 0.5) \mathrm{kg}$ द्रव्यमान का एक पिण्ड, $(20 \pm 0.4) \mathrm{m} / \mathrm{s}$ के वेग से गति कर रहा है। इसकी गतिज ऊर्जा होगी
$(1000 \pm 140)\,J$
$(1000 \pm 0.14)\,J$
$(500 \pm 0.14)\,J$
$(500 \pm 140)\,J$
$l$ लम्बाई के ताँबे के पतले तार के ताप में $10^o C$. की वृद्धि करने पर इसकी लम्बाई में $ 2\%$ की वृद्धि हो जाती है। यदि ताँबे की वर्गाकार प्लेट (जिसकी भुजा की लम्बाई l है) के ताप में $10^o C$ की वृद्धि कर दी जाए तो इसके क्षेत्रफल में होने वाली प्रतिशत वृद्धि ......... $\%$ होगी
सरल लोलक का उपयोग करते हुए, गुरूत्वीय त्वरण $( g )$ को ज्ञात करने के किसी प्रयोग में,$1$ सेकण्ड रिसोल्यूशन (विभेदन काल) वाली घड़ी के $100$ दोलनों के समय से मापा गया आवर्तकाल $0.5\,s$ आता है। यदि मापी गई लम्बाई का मान $10 cm$ है जिसमें ज्ञात शुद्धि $1\,mm$ है। $g$ के परिकलित मान में प्राप्त शुद्धता $x \%$ है। $x$ का मान है।
एक धात्विक तार का द्रव्यमान $(0.4 \pm 0.002)\,g$, त्रिज्या $(0.3 \pm 0.001)\,mm$ तथा लम्बाई $(5 \pm 0.02)\,cm$ है। घनत्व के मापन में अधिकतम संभव त्रुटि लगभग $.....\%$ होगी :
दो प्रतिरोधक $R _{1}=(4 \pm 0.8)\, \Omega$ तथा $R _{2}=(4 \pm 0.4)\, \Omega$ समान्तर क्रम में जुड़े हैं। उनके समान्तर क्रम संयोजन का तुल्य प्रतिरोध है।
यदि $Z=A^{4} B^{1 / 3} / C D^{3 / 2}$ हो तो $Z$ की आपेक्षिक त्रुटि ज्ञात कीजिए।