$t =0$ पर क्षैतिज से $60^{\circ}$ के कोण पर $10 \,ms ^{-1}$ के वेग से एक पिण्ड को प्रक्षेपित करते हैं। $t =1 \,s$ पर प्रक्षेप पथ की वक्रता त्रिज्या $R$ है। वायु प्रतिरोध को नगण्य मानकर तथा गुरूत्वीय त्वरण $g =10\, ms ^{-2}$, लेकर $R$ का मान $....\,m$ है।
$10.3$
$2.8$
$2.5$
$5.1$
गैलीलियो के नियम अनुसार, यदि किसी पिण्ड को कोण $(45 + \theta )$ तथा $(45 - \theta )$पर प्रक्षेपित किया जाये, तो इनके द्वारा तय की गयी क्षैतिज परासों का अनुपात होगा (यदि $\theta \le 45^\circ $)
एक व्यक्ति एक गेंद को अधिकतम $100\,m$ की परास तक फैंक सकता है। धरातल से कितनी अधिकतम ऊँचाई तक वह उसी गेंद को फेंक सकता है?
किसी $m$ द्रव्यमान की गेंद को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाता है। $2 m$ द्रव्यमान की किसी दूसरी गेंद को ऊर्ध्व से $\theta$ कोण पर फेंका जाता है। दोनों गेंदें समान समय के लिए हवा में रहती है। दोनों गेंदों द्वारा प्राप्त की गई क्रमशः अधिकतम ऊँचाईयों का अनुपात $\frac{1}{ x }$ है $x$ का मान $...........$ है।
गैलीलियो ने अपनी पुस्तक "टू न्यू. साइंसेज़" में कहा है कि "उन उन्नयनों के लिए जिनके मान $45^{\circ}$ से बराबर मात्रा द्वारा अधिक या कम हैं, क्षेतिज परास बराबर होते हैं" । इस कथन को सिद्ध कीजिए ।
एक गेंद जिसकी गतिज ऊर्जा E है, क्षैतिज से $45°$ पर फेंकी जाती है। इसकी उड़ान के दौरान उच्चतम बिन्दु पर गतिज ऊर्जा होगी