तीन सर्वसम बल्ब $B _{1}, B _{2}$ तथा $B _{3}$ चित्र में दर्शाए अनुसार संयोजित हैं। जब तीनों बल्ब चमकते हैं, तो ऐमीटर $A$ का पाठ्यांक $3 \,A$ होता है।

$(i)$ यदि बल्ब $B _{1}$ फ्यूज़ हो जाए, तो अन्य दो बल्बों की चमक पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

$(ii)$ यदि बल्ब $B _{2}$ फ्यूज़ हो जाए तो $A _{1}, A _{2}, A _{3}$ तथा $A$ के पाठ्यांकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

$(iii)$ जब तीनों बल्ब एक साथ चमकते हैं, तो परिपथ में कितनी शक्ति क्षय होती है?

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$(i)$ The glow of the bulbs $B_2$ and $B_3$ will remain the same.

$(ii)$ $A_1$ shows $1$ ampere, $A_2$ shows zero, $A_3$ shows $1$ ampere and $A$ shows $2$ ampere

$(iii)$ $P = V I = 4.5 3 = 13.5\, W$

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घरेलू परिपथों में तारों की पार्श्व व्यवस्था का उपयोग क्यों किया जाता है?

किसी विध्युत परिपथ में विध्युत स्त्रोत के साथ तीन तापदीप्त बल्ब $A , B , C$ जिनके अनुमतांक क्रमश: $40\, W , 60 \,W$ तथा $100 \,W$ हैं, पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। इनकी चमक के संबंध में कौन-सा प्रकथन सत्य है?

चित्र में दर्शाए अनुसार तीन विध्युत परिपथों में कोई सेल, प्रतिरोधक, कुंजी तथा ऐमीटर भिन्न प्रकार से व्यवस्थित हैं। ऐमीटर द्वारा रिकार्ड की गयी धारा:

कोई विद्यार्थी किसी प्रयोग को करने के पश्चात् क्रमश: $R_{1}, R_{2}$ तथा $R_{3}$ प्रतिरोध के निक्रोम तार के तीन नमूनों के $V$ - $I$ ग्राफ आलेखित करता है (चित्र)। निम्नलिखित में कौन सत्य है?

उस परिपथ (चित्र) को पहचानिए जिसमें वैध्युत अवयव उचित प्रकार से संयोजित हैं: