किसी विध्युत परिपथ में विध्युत स्त्रोत के साथ तीन तापदीप्त बल्ब $A , B , C$ जिनके अनुमतांक क्रमश: $40\, W , 60 \,W$ तथा $100 \,W$ हैं, पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। इनकी चमक के संबंध में कौन-सा प्रकथन सत्य है?
सभी बल्बों की चमक समान होगी
बल्ब $B$ की चमक बल्ब $A$ की तुलना में अधिक होगी
बल्ब $A$ की चमक अधिकतम होगी
बल्ब $C$ की चमक बल्ब $B$ की तुलना में कम होगी
फ्यूज़ तार विध्युत साधित्रों का बचाव किस प्रकार करता है?
तीन सर्वसम बल्ब $B _{1}, B _{2}$ तथा $B _{3}$ चित्र में दर्शाए अनुसार संयोजित हैं। जब तीनों बल्ब चमकते हैं, तो ऐमीटर $A$ का पाठ्यांक $3 \,A$ होता है।
$(i)$ यदि बल्ब $B _{1}$ फ्यूज़ हो जाए, तो अन्य दो बल्बों की चमक पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
$(ii)$ यदि बल्ब $B _{2}$ फ्यूज़ हो जाए तो $A _{1}, A _{2}, A _{3}$ तथा $A$ के पाठ्यांकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
$(iii)$ जब तीनों बल्ब एक साथ चमकते हैं, तो परिपथ में कितनी शक्ति क्षय होती है?
ओम-नियम लिखिए। इसका प्रायोगिक सत्यापन किस प्रकार किया जा सकता है? क्या यह सभी अवस्थाओं में लागू होता है? अपनी टिप्पणी लिखिए।
निम्न परिपथों (चित्र) में $12\, V$ बैटरी से जुड़े प्रतिरोधक अथवा प्रतिरोधकों के संयोजन में उत्पन्न ऊष्मा होगी:
पाँच प्रतिरोधकों, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध $1 / 5\, \Omega$ है, का उपयोग करके कितना अधिकतम प्रतिरोध बनाया जा सकता है?