निम्न में से कौनसी बेलनाकार छड़ में से अधिकतम ऊष्मा संचरित होगी, जबकि उनके सिरे समान स्थायी तापान्तर पर रखे जाते हैं
लम्बाई $1$ मीटर, त्रिज्या $1$ सेमी
लम्बाई $2$ मीटर, त्रिज्या $1$ सेमी
लम्बाई $2$ मीटर, त्रिज्या $ 2$ सेमी
लम्बाई $1$ मीटर, त्रिज्या $2$ सेमी
दो पतले कम्बल उनकी कुल मोटाई के तुल्य एक कम्बल, की तुलना में अधिक गर्माहट देते हैं क्योंकि
समान लम्बाई एवं समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाली दो छड़ों को एक साथ जोडा जाता है, जिसमें एक ताँबे से बनी है एवं दूसरी स्टील से। ताँबे एवं स्टील की ऊष्मीय चालकता क्रमशः $385\,J\,s ^{-1}\,K ^{-1}\,m ^{-1}$ एवं $50\,J\,s ^{-1}\,K^{-1}\,m ^{-1}$ है। ताँबे एवं स्टील के मुक्त सिरों को क्रमशः $100^{\circ}\,C$ एवं $0^{\circ}\,C$ पर रखा जाता है। संधि पर तापमान लगभग होगा $.......^{\circ}\,C$
दो धात्विक टुकड़े $M _1$ और $M _2$ (समान अनुप्रस्थकाट क्षेत्र वाले) चित्रानुसार जुड़े है। यदि $M _2$ की तापीय चालकता $K$ है तो $M _1$ की तापीय चालकता $.........K$ होगी : [स्थायी अवस्था ऊष्माचालन मानें।]
किसी छड़ के एक सिरे को गर्म करने पर, ताप सर्वत्र समान होगा, यदि
विभिन्न पदार्थों की दो छड़ों के सिरों जिनकी ऊष्मीय चालकताएँ, अनुप्रस्थ काट की त्रिज्याएँ एवं लम्बाइयाँ $1 : 2$ के अनुपात में हैं, को समान तापान्तर पर रखा गया है। यदि बढ़ी छड़ में प्रवाहित ऊष्मा की दर $4$ कैलोरी/सैकण्ड है तो छोटी छड़ में प्रवाहित ऊष्मा की दर होगी (कैलोरी/सैकण्ड में)