समान लम्बाई एवं समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाली दो छड़ों को एक साथ जोडा जाता है, जिसमें एक ताँबे से बनी है एवं दूसरी स्टील से। ताँबे एवं स्टील की ऊष्मीय चालकता क्रमशः $385\,J\,s ^{-1}\,K ^{-1}\,m ^{-1}$ एवं $50\,J\,s ^{-1}\,K^{-1}\,m ^{-1}$ है। ताँबे एवं स्टील के मुक्त सिरों को क्रमशः $100^{\circ}\,C$ एवं $0^{\circ}\,C$ पर रखा जाता है। संधि पर तापमान लगभग होगा $.......^{\circ}\,C$
$12$
$50$
$73$
$88.5$
किसी धातु की ऊष्मा चालकता $CGS$ पद्धति में $0.4$ है। स्थायी अवस्था में यदि $10$ कैलोरी प्रति सैकण्ड प्रति सेमी $ 2$ ऊष्मा का संचार होता है, तो ताप प्रवणता निम्न ....... $^oC/cm$ होगी
परिवर्ती अवस्था में छड़ से प्रवाहित ऊष्मा की दर नियंत्रित होती है
चित्र में दर्शाए गए निकाय की स्थायी अवस्था में स्टील-ताँबा संधि का ताप क्या है ? स्टील छड़ की लंबाई $=15.0\, cm ,$ ताँबे की छड़ की लंबाई $=10.0\, cm ,$ भट्ठी का ताप $=300^{\circ} C$, दूसरे सिरे का ताप $=0^{\circ} C$; स्टील की छड़ की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल ताँबे की छड़ की अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का दो गुना है। (स्टील की ऊष्मा चालकता $= 50.2 \,J$ $s ^{-1} m ^{-1} K ^{-1}$; तॉ बे की ऊरमा चालकतT $=$ $385\, J\, s ^{-1} m ^{-1} \,K ^{-1})$
$10 m$ लंबी एक तांबे की नली में $110^{\circ} C$ तापमान पर भाप प्रवाहित हो रही है। नली की बाहरी सतह $10^{\circ} C$ ताप पर स्थिर है | नली की आतंरिक एवं बाह्य त्रिज्याएँ क्रमशः $2 \,cm$ एवं $4 \,cm$ हैं | तांबे की ऊष्मा चालक्ता (thermal conductivity) $0.38 \,kW / m /{ }^{\circ} C$ है | स्थायी दशा (steady state) में नली की अरीय (radial) दिशा में बाहर की ओर ऊष्मा प्रवाह की दर ........... $kW$ निकटतम होगी ?
निम्नचित्र में$r_1$ तथा $r_2$ त्रिज्याओं के दो संकेन्द्री गोलों का एक निकाय दर्शाया गया है जिन्हें क्रमश: $T_1$ तथा $T_2$ तापों पर रखा गया है। दोनों संकेन्द्री गोलों के बीच के पदार्थ में ऊष्मा के त्रिज्यीय प्रवाह की दर समानुपाती है