विभिन्न पदार्थों की दो छड़ों के सिरों जिनकी ऊष्मीय चालकताएँ, अनुप्रस्थ काट की त्रिज्याएँ एवं लम्बाइयाँ $1 : 2$ के अनुपात में हैं, को समान तापान्तर पर रखा गया है। यदि बढ़ी छड़ में प्रवाहित ऊष्मा की दर $4$ कैलोरी/सैकण्ड है तो छोटी छड़ में प्रवाहित ऊष्मा की दर होगी (कैलोरी/सैकण्ड में)
$1$
$2$
$8$
$16$
किसी कमरे की एक खिड़की के कांच का क्षेत्रफल $10\;{m^2}$ है और मोटाई $2$ मिमी है, बाहर के तथा अन्दर के ताप क्रमश: ${40^o}C$ तथा ${20^o}C$ हैं। कांच की ऊष्मा चालकता $MKS$ पद्धति में $0.2$ है। प्रति सैकण्ड कमरे में ऊष्मा का संचार है
यदि चाँदी और ताँबे की ऊष्मा चालकता का अनुपात $10 : 9$ है, तो इंजन हौज के प्रयोग में इनकी छड़ों पर पिघले मोम की लम्बाइयों का अनुपात होगा
एक समान अनुप्रस्थकाट एवं $3.1$ मीटर लम्बी एक ताम्र छड़ का एक सिरा बर्फ के सम्पर्क में है, एवं दूसरा सिरा $100°C$ वाले जल में रखा है। इसकी लम्बाई के अनुदिश किस बिन्दु पर $200°C$ ताप बनाये रखा जाये, ताकि स्थायी अवस्था में जितनी मात्रा बर्फ की पिघलती है, उतनी ही मात्रा समान समयान्तराल में बनी भाप की हो। यह मानते हुए कि सम्पूर्ण निकाय एवं परिवेश के बीच ऊष्मा का कोई स्थानान्तरण नहीं होता है। बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा एवं जल के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा क्रमश: $80cal/gm$ एवं $540 cal/gm$ है
${k_1}$ और ${k_2}$ ऊष्मा चालकता की दो दीवारें सम्पर्क में हैं तथा उनकी क्रमश: मोटाई ${d_1}$ और ${d_2}$ हैं। स्थिर अवस्था में उनके बाह्य सिरों का ताप ${T_1}$ और ${T_2}$ है, तो अन्त: सन्धि का ताप होगा