दण्ड चुम्बक $P$ प्रयोग करने पर कम्पन चुम्बकत्वमापी का दोलनकाल $2$ सैकण्ड है । जब दण्ड $ Q$ (जो द्रव्यमान और आकार में $P$ के समान है) $P$ के ऊपर रख दिया जाता है, तो दोलनकाल में कोई परिवर्तन नहीं होता है । निम्न में से कौनसा कथन सत्य है
$Q $ अचुम्बकीय पदार्थ का बना है
$Q, P $ के सर्वसमान दण्ड चुम्बक है और उसका उत्तरी ध्रुव $ P $ के उत्तरी ध्रुव पर रखा गया है
$Q$ अचुम्बकित लौह-चुम्बकीय पदार्थ का है
$Q$ के गुणों के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता
क्षैतिज तल में रखे एक छोटे छड़ चुंबक का अक्ष, चुंबकीय उत्तर-दक्षिण दिशा के अनुदिश है। संतुलन बिंदु चुंबक के अक्ष पर, इसके केंद्र से $14 \,cm$ दूर स्थित है। इस स्थान पर पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र $0.36 \,G$ एवं नति कोण शून्य है। चुंबक के अभिलंब समद्विभाजक पर इसके केंद्र से उतनी ही दूर $(14\, cm )$ स्थित किसी बिंदु पर परिणामी चुंबकीय क्षेत्र क्या होगा? चुंबक को $180^{\circ}$ से घुमा दिया जाए तो संतुलन बिंदुओं की नयी स्थिति क्या होगी?
दो छड़ चुम्बकों की लम्बाई , चौड़ाई और द्रव्यमान समान हैं परन्तु चुम्बकीय आघूर्ण क्रमश: $M$ और $2M$ हैं । इन्हें योग की स्थिति में दोलन चुम्बकत्वमापी में रखा जाता है तो आवर्तकाल $3$ सैकण्ड प्राप्त होता है । अन्तर की स्थिति में आवर्तकाल होगा
एक स्पर्शज्या धारामापी की कुण्डली में $10 $ फेरे हैं तथा त्रिज्या $0.1\,m$ है। $60°$ के विक्षेप के लिये आवश्यक धारा ......$A$ होगी $({B_H} = 4 \times {10^{ - 5}}\,T)$
यदि $\sqrt 3 $ ऐम्पियर की धारा भेजने से स्पर्शज्या धारामापी में $30° $ का विक्षेप होता है, तो $3$ ऐम्पियर धारा से .......$^o$ विक्षेप उत्पन्न होगा
किसी स्पर्शज्या धारामापी की सुग्राहिता बढ़ाई जा सकती है, यदि