दो बहुत लम्बे सीधे एवं समान्तर तारों में से स्थायी धारा $I$ तथा $-I$ बह रही है तारों के बीच की दूरी $d$ है। किसी क्षण पर एक आवेश $q$ दोनों तारों से समान दूरी पर है एवं आवेश तारों के तल में है। आवेश का तात्क्षणिक वेग $v$ इस तल के लम्बवत् है। इस क्षण पर चुम्बकीय क्षेत्र के कारण आवेश पर लगने वाले बल का परिमाण होगा
$\frac{{{\mu _0}Iqv}}{{2\pi d}}$
$\frac{{{\mu _0}Iqv}}{{\pi d}}$
$\frac{{2{\mu _0}Iqv}}{{\pi d}}$
$0$
एक स्थिर क्षैतिज तार में $200\, A$ धारा प्रवाहित हो रही है। एक अन्य तार, जिसका रेखीय द्रव्यमान घनत्व ${10^{ - 2}}\,kg/m$ है, को प्रथम तार के $2\, cm$ नीचे (समान्तर) रखा गया है। यदि यह तार वायु में बिना किसी सहारे के तैरता है तो इस तार में प्रवाहित धारा का परिमाण व दिशा होंगे
तीन लम्बे, सीधे और समान्तर तारों से चित्र में दर्शाये अनुसार धारा प्रवाहित की जाती है। तार $Q$ के $10 \,cm$ लम्बाई पर लगने वाला बल होगा
$I$ धारावाही एक तार, $P$ तथा $Q$ बिन्दुओं पर बंधा है और अपने आस-पास चुम्बकीय क्षेत्र $B$ के कारण (जो $\times \times \times$ द्वारा दर्शाया गया है और इस पृष्ठ के लम्बवत् है) $R$ त्रिज्या के वृत्ताकार चाप के रूप में आ जाता है। यदि यह तार, उस वृत्त के केन्द्र पर जिसका यह चाप भाग है, $2 \theta_{0}$ कोण बनाता है तो, तार में तनाव होगा :
एक $2.0\,\mu C$ का आवेश $3.0 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ की चाल से धनात्मक $X$ - अक्ष की दिशा में गतिमान है। एक चुम्बकीय क्षेत्र $\vec B = - 0.2\,\,\hat k$ टेसला इस स्थान पर कार्यरत है। तब आवेश पर कार्यरत चुम्बकीय बल $({\overrightarrow F _m})$ है
एक वर्गाकार पाश (लूप) को, जिससे विधुतधारा प्रवाहित हो रही है, किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में लटकाया गया है। चुम्बकीय क्षेत्र पाश (लूप) के समतल में कार्य करता है। यदि पाश की किसी एक भुजा पर $\vec{F}$ बल लगता है तो, शेष तीन भुजाओं पर नेट बल है