तीन लम्बे, सीधे और समान्तर तारों से चित्र में दर्शाये अनुसार धारा प्रवाहित की जाती है। तार $Q$ के $10 \,cm$ लम्बाई पर लगने वाला बल होगा
$1.4 \times {10^{ - 4}}\,N$ दाहिनी ओर
$1.4 \times {10^{ - 4}}\,N$ बायीं ओर
$2.6 \times {10^{ - 4}}\,N$ दाहिनी ओर
$2.6 \times {10^{ - 4}}\,N$ बायीं ओर
$10\,cm$ लम्बे दो तार जहाँ प्रत्येक में $5\,A$ धारा प्रवाहित होती है, एक दूसरे के समान्तर रखे गये है। यदि प्रत्येक तार $10^{-5}\,N$ का बल अनुभव करता है तो तारो के बीच दूरी $cm$ में ज्ञात कीजिए।
दो बहुत लम्बे सीधे एवं समान्तर तारों में से स्थायी धारा $I$ तथा $-I$ बह रही है तारों के बीच की दूरी $d$ है। किसी क्षण पर एक आवेश $q$ दोनों तारों से समान दूरी पर है एवं आवेश तारों के तल में है। आवेश का तात्क्षणिक वेग $v$ इस तल के लम्बवत् है। इस क्षण पर चुम्बकीय क्षेत्र के कारण आवेश पर लगने वाले बल का परिमाण होगा
$1.5 \,T$ का एक एकसमान चुंबकीय क्षत्र, $10.0\, cm$ त्रिज्या के बेलनाकार क्षेत्र में विद्यमान है। इसकी दिशा अक्ष के समांतर पूर्व से पश्चिम की ओर है। एक तार जिसमें $7.0\,A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है इस क्षेत्र में होकर उत्तर से दक्षिण की ओर गुजरती है। तार पर लगने वाले बल का परिमाण और दिशा क्या है, यदि
$(a)$ तार अक्ष को काटता हो,
$(b)$ तार $N - S$ दिशा से घुमाकर उत्तर पूर्व-उत्तर पश्चिम दिशा में कर दिया जाए,
$(c)$ $N - S$ दिशा में रखते हुए ही तार को अक्ष से $6.0 \,cm$ नीचे उतार दिया जाए।
$L$ लम्बाई के एक तार में $I$ धारा $x$-अक्ष की धनात्मक दिशा के अनुदिश प्रवाहित होती है। इसे एक चुम्बकीय क्षेत्र $\vec{B}=(2 \hat{i}+3 \hat{j}-4 \hat{k}) T$ में रखा जाता है। तार पर कार्यरत चुम्बकीय बल का परिमाण $..........IL$ है :
एक लम्बे तार $A$ में $10$ ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। एक अन्य लम्बे तार $B$ में, जो $A$ से समान्तर है और जिसकी $A$ से दूरी $ 0.1$ मीटर है, $5$ ऐम्पियर की धारा $A$ के विपरीत दिशा में प्रवाहित हो रही है। $B$ के प्रति इकाई लम्बाई पर बल कितना और किस प्रकार का होगा $({\mu _0} = 4\pi \times {10^{ - 7}}$ वेबर/ऐम्पियर-मीटर)