दो प्रक्षेप्य समान प्रारम्भिक वेग से, क्षैतिज से क्रमशः $45^{\circ}$ और $30^{\circ}$ के कोण पर प्रक्षेपित किए गए। उनके द्वारा तय किये गये परासों का अनुपात होगा :
$1: \sqrt{2}$
$\sqrt{2}: 1$
$2: \sqrt{3}$
$\sqrt{3}: 2$
गैलीलियो ने अपनी पुस्तक "टू न्यू. साइंसेज़" में कहा है कि "उन उन्नयनों के लिए जिनके मान $45^{\circ}$ से बराबर मात्रा द्वारा अधिक या कम हैं, क्षेतिज परास बराबर होते हैं" । इस कथन को सिद्ध कीजिए ।
दो वस्तुओं को एकसमान वेग ' $u$ ' से क्षैतिज के साथ क्रमशः $\alpha$ व $\beta$ कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है। यदि $\alpha+\beta=90^{\circ}$ हो तो पहली वस्तु का दूसरी वस्तु के साथ क्षैतिज परास का अनुपात होगा -
जमीन से एक पत्थर को $25$ मी/सै के वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। दो सैकण्ड पश्चात् यह पत्थर $5$ मीटर ऊँची दीवार को ठीक पार कर जाता है। पत्थर का प्रक्षेपण कोण ...... $^o$ होगा $(g = 10$ मी/सै$^2)$
एक प्रक्षेप्य के लिए, अधिकतम ऊँचाई एवं उड्डयन काल के वर्ग का अनुपात है ($g = 10 ms^{-2}$)
पानी का एक फव्वारा धरती पर चारों तरफ पानी छिड़कता है। यदि फव्वारे से निकल रहे पानी की चाल $v$ है, तब फब्वारें के चारों तरफ गीला होने वाला अधिकतम कुल क्षैत्रफल हैं: