तार की एक वर्गाकर कुंडली का द्रव्यमान $m$ एवं विद्युत प्रतिरोध $R$ है, और इसकी भुजा की लम्बाई $a$ है। यह ुुंडली $x$-अक्ष समान्तर $v_0$ चाल से गति करते हुए एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में प्रवेश करती है। चुंबक क्षेत्र कुंडली के तल के लंबवत है। इस चुम्बकीय क्षेत्र में कुंडली की चाल दूरी $x($ $x < a_{\text {) }}$ के साथ निम्न प्रकार से बदलती है

  • [KVPY 2017]
  • A

    $v_{0}-\frac{B^{2} a^{2}}{R m} x$

  • B

    $v_{0}-\frac{B^{2} a^{2}}{2 R m} x$

  • C

    $v_{0}-\frac{B^{2} a}{R m} x^{2}$

  • D

    $v_{0}$

Similar Questions

दो समानान्तर तारों में प्रत्येक में $10$ ऐम्पियर की धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है तथा इनके बीच आकर्षण बल का मान $1 \times {10^{ - 3}}\,N$ है। यदि दोनों तारों में बहने वाली धारा का मान दोगुना कर दिया जाये तो आकर्षण बल का मान हो जायेगा

चित्र में दिखाई गई आयताकार कुण्डली पर परिणामी बल है

दो समान्तर तार एक दूसरे से $1$ मीटर-दूरी पर रखे हैं, इनमें $1\;A$ धारा प्रवाहित होती है। प्रति एकांक लम्बाई पर आकर्षण बल होगा

  • [AIPMT 1998]

एक परिनालिका जो $60 \,cm$ लंबी है, जिसकी त्रिज्या $4.0\, cm$ है और जिसमें $300$ फेरों वाली $3$ परतें लपेटी गई हैं। इसके भीतर एक $2.0 \,cm$ लंबा, $2.5 \,g$ द्रव्यमान का तार इसके ( केंद्र के निकट) अक्ष के लंबवत रखा है। तार एवं परिनालिका का अक्ष दोनों क्षैतिज तल में हैं। तार को परिनालिका के समांतर दो वाही संयोजकों द्वारा एक बाह्य बैटरी से जोड़ा गया है जो इसमें $6.0 \,A$ विध्यूत धारा प्रदान करती है। किस मान की विध्यूत धारा ( परिवहन की उचित दिशा के साथ ) इस परिनालिका के फेरों में प्रवाहित होने पर तार का भार सँभाल सकेगी? $g=9.8 \,m s ^{-2}$

तीन लम्बे व सीधे धारावाही चालक परस्पर समान्तर क्रम में एक बैटरी के सिरों पर जुड़े हैं। बैटरी का आंतरिक प्रतिरोध नगण्य है। तारों के प्रतिरोधों का अनुपात $3 : 4 : 5$ है। यदि बीच वाले तार पर नैट बल शून्य है तब अन्य दो तारों से इसकी दूरियों का अनुपात होगा