$9\, m$, लम्बे दो समान्तर तार $0.15\, m$ की दूरी पर स्थित हैं। यदि इनमे प्रवाहित धारा का मान व दिशा समान हो एवं परस्पर $30 \times 10^{-7}\, N$ का बल आरोपित करते हैं तब धारा का मान.......$amp$ होगा
$2.5$
$3.5$
$1.5$
$0.5$
तीन लम्बे, सीधे एवं समान्तर धारावाही तारों को चित्रानुसार व्यवस्थित किया गया है। तार $C$ की $25\, cm$ लम्बाई पर कुल बल होगा
समकोण समद्विबाहु त्रिभुज के आकार के एक बन्द पाश $ABC$ में विधुत धारा प्रवाहित हो रही है। इसे किसी एकसमान $AB$ दिशा के अनुदिश चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि भुजा $BC$ पर चुम्बकीय बल $\overrightarrow{ F }$ हो तब भुजा $AC$ पर बल होगा :
$L$ लम्बाई के तार की किसी भी आकृति की बंद कुण्डली में $I$ ऐम्पियर धारा प्रवाहित होती है। यदि कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र $\mathop B\limits^ \to $ के लम्बवत् हो तो कुण्डली पर बल लगेगा
एक तार की लम्बाई $0.5$ मीटर है। इसमें $1.2$ ऐम्पियर की धारा बह रही है। इस तार को $2$ टेस्ला के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में लम्बवत् रखा जाता है। तार पर लगने वाला बल......$N$ होगा
$1.5 \,T$ का एक एकसमान चुंबकीय क्षत्र, $10.0\, cm$ त्रिज्या के बेलनाकार क्षेत्र में विद्यमान है। इसकी दिशा अक्ष के समांतर पूर्व से पश्चिम की ओर है। एक तार जिसमें $7.0\,A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है इस क्षेत्र में होकर उत्तर से दक्षिण की ओर गुजरती है। तार पर लगने वाले बल का परिमाण और दिशा क्या है, यदि
$(a)$ तार अक्ष को काटता हो,
$(b)$ तार $N - S$ दिशा से घुमाकर उत्तर पूर्व-उत्तर पश्चिम दिशा में कर दिया जाए,
$(c)$ $N - S$ दिशा में रखते हुए ही तार को अक्ष से $6.0 \,cm$ नीचे उतार दिया जाए।