दो लम्बे एवं समान्तर तार, जिनमें समान धारा बह रही है, एक दूसरे से $1$ मीटर की दूरी पर रखे हैं, तथा एक दूसरे पर $2 \times {10^{ - 7}}\,N/m$ बल लगाते हैं। इनमें प्रवाहित धारा है

  • A

    $2.0\, A$

  • B

    $2.0 \times {10^{ - 7}}\,A$

  • C

    $1.0\, A$

  • D

    $1.0 \times {10^{ - 7}}\,A$

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दो पतले लम्बे तारों मैं प्रत्येक से $I$ धारा प्रवाहित हो रही है। इन्हें $L$ लम्बाई के विघुततरोधी धागों से लटकाया गया है। इन धागों में प्रत्येक के द्वारा ऊर्ध्वाधर दिशा से $'\theta^{\prime}$ कोण बनाने की स्थिति में, ये दोनों तार साम्यावस्था में रहते हैं। यदि इन तारों की प्रति इकाई लम्बाई द्रव्यमान $\lambda$ है तथा $g$ गुरुत्वीय त्वरण है तो, $I$ का मान होगा

  • [JEE MAIN 2015]

एक सीधे धारावाही चालक में $5A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। एक इलेक्ट्रॉन चालक के समान्तर $0.1$ मीटर की दूरी पर $5 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ की चाल से गति कर रहा है, इस पर लगने वाला बल है

एक सीधी, क्षैतिज चालक छड़ जिसकी लंबाई $0.45\, m$ एवं द्रव्यमान $60\, g$ है इसके सिरों पर जुड़े दो ऊर्ध्वाधर तारों पर लटकी हुई है। तारों से होकर छड़ में $5.0 \,A$ विध्युत धारा प्रवाहित हो रही है।

$(a)$ चालक के लंबवत कितना चुंबकीय क्षेत्र लगाया जाए कि तारों में तनाव शून्य हो जाए।

$(b)$ चुंबकीय क्षेत्र की दिशा यथावत रखते हुए यदि विध्युत धारा की दिशा उत्क्रमित कर दी जाए तो तारों में कुल तनाव कितना होगा? ( तारों के द्रव्यमान की उपेक्षा कीजिए) $g=9.8\, m s ^{-2}$

एक रेखीय चालक जिसकी लम्बाई $40\, cm$ है तथा इसमें $3\, A$ धारा बह रही है, $500$ गॉस तीव्रता के एक चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है। अगर चालक चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से $30^\circ $ का कोण बनाता है तो उस पर लगने वाले बल का मान होगा

दो बहुत लम्बे सीधे एवं समान्तर तारों में से स्थायी धारा $I$ तथा $-I$ बह रही है तारों के बीच की दूरी $d$ है। किसी क्षण पर एक आवेश $q$ दोनों तारों से समान दूरी पर है एवं आवेश तारों के तल में है। आवेश का तात्क्षणिक वेग $v$ इस तल के लम्बवत् है। इस क्षण पर चुम्बकीय क्षेत्र के कारण आवेश पर लगने वाले बल का परिमाण होगा

  • [IIT 1998]