समान द्रव्यमान तथा आवेश के दो एकसमान अचालक ठोस गोलों को समान लम्बाई की दो अचालक, द्रव्यमानहीन डोरियों द्वारा एक उभयनिष्ठ बिन्दु से वायु में लटकाया जाता है। साम्यावस्था पर, डोरियों के मध्य कोण $\alpha$ है। अब गोलों को $800 kg m ^{-3}$ घनत्व तथा परावैद्युतांक $21$ के परावैद्युत द्रव में डुबाया जाता है। यदि डुबाने के बाद डोरियों के मध्य कोण समान रहता है, तब
$(A)$ गोलों के मध्य विद्युत बल अपरिवर्तित रहता है।
$(B)$ गोलों के मध्य विद्युत बल घटता है।
$(C)$ गोलों का द्रव्यमान घनत्व $840 kg m ^{-3}$ है।
$(D)$ गोलों को सम्भालने वाली डोरियों में तनाव अपरिवर्तित रहता है।
$B,C$
$B,D$
$B,A$
$B,C,D$
घर्षणरहित, क्षैतिज, अचालक तथा त्रिज्या $R$ के एक वृत्ताकार वलय पर समान आवेश $q$ एवं द्रव्यमान $m$ की दो मणिकाओं (beads) को लगाया गया है। एक मणिका को वलय के किसी बिंदु पर चिपका दिया गया है जबकि दूसरी मणिका अपनी साम्यावस्था के सापेक्ष वलय पर लघु दोलन (small oscillations) करती है। इन लघु दोलनों की कोणीय आवृत्ति के वर्ग का मान होगा [ $\varepsilon_0$ मुक्त आकाश की विधुत शीलता है|]
द्रव्यमान $M$ तथा आवेश $q$ का एक पिण्ड एक स्प्रिंग नियतांक $k$ की स्प्रिंग से जुड़ा है। यह पिण्ड $x-$ दिशा में अपनी साम्यावस्था $x=0$ के सापेक्ष आयाम $A$ से दोलन कर रहा है। $x-$ दिशा में एक विघुत क्षेत्र $E$ लगाया जाता है। निम्न कथनों में कौन सा कथन सत्य है ?
मूल बिन्दु पर $10 \mu \mathrm{C}$ का एक बिन्दु आवेश रखा है। $\mathrm{x}$ अक्ष के कौनसे स्थान पर $40 \mu \mathrm{C}$ का बिन्दु आवेश रखने पर $\mathrm{x}=2 \mathrm{~cm}$ पर कुल वैद्युत क्षेत्र शून्य होगा-
हाइड्रोजन परमाणु में प्रोटॉन व इलेक्ट्रॉन के बीच की दूरी ${10^{ - 10}}$ मीटर है। इन दोनों पर आवेश का परिमाण $1.6 \times {10^{ - 19}}\,C$ है। प्रोटॉन के कारण इलेक्ट्रॉन पर उत्पé विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान होगा
आरेक्ष में दर्शाए गए अनुसार बिन्दु $O$ पर विधुत क्षेत्र का परिमाण क्या होगा ? आरेख की प्रत्येक भुजा की लम्बाई $l$ है तथा प्रत्येक भुजा एक-दूसरे के लम्बवत् है।