दो समान्तर एवं स्वतंत्र तारों में धारा विपरीत दिशा में प्रवाहित हो रही है, अत: वे

  • A

    परस्पर आकर्षित होंगे

  • B

    परस्पर प्रतिकर्षित होंगे

  • C

    न आकर्षित होंगे और न ही प्रतिकर्षित होंगे

  • D

    घूमकर परस्पर लम्बवत् हो जायेंगे

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एक स्थिर क्षैतिज तार में $200\, A$ धारा प्रवाहित हो रही है। एक अन्य तार, जिसका रेखीय द्रव्यमान घनत्व ${10^{ - 2}}\,kg/m$ है, को प्रथम तार के $2\, cm$ नीचे (समान्तर) रखा गया है। यदि यह तार वायु में बिना किसी सहारे के तैरता है तो इस तार में प्रवाहित धारा का परिमाण व दिशा होंगे

एक समरूप चालक तार $ABC$ का द्रव्यमान $10\,gm$ है। इसमें से $2\,A$ की धारा प्रवाहित होने पर तार में उत्पन्न त्वरण क्या होगा, यदि तार $\mathop B\limits^ \to  $ के चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित है

$r$ त्रिज्या के वृत्ताकार धात्विक चालक में से $i$ धारा प्रवाहित हो रही है। इसे एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में इस प्रकार रखा गया है कि चुम्बकीय क्षेत्र लूप के तल के लम्बवत् है। लूप पर लगने वाला चुम्बकीय बल होगा

  • [IIT 1983]

दो लम्बे एवं समान्तर तार, जिनमें समान धारा बह रही है, एक दूसरे से $1$ मीटर की दूरी पर रखे हैं, तथा एक दूसरे पर $2 \times {10^{ - 7}}\,N/m$ बल लगाते हैं। इनमें प्रवाहित धारा है

समकोण $ABC$ की आकृति के एक चालक में  $10\, A$  की धारा प्रवाहित हो रही है, जहाँ $AB = 3\, cm$ तथा $BC = 4\, cm$ चालक के तल की लम्बवत् दिशा में  $5\,T$ का एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र है। चालक पर लगने वाला बल .....$N$ होगा