दो कुण्डलियाँ पास-पास रखी हुई हैं। दोनों कुण्डलियों के बीच अन्योन्य प्रेरकत्व निर्भर करता है

  • [AIEEE 2003]
  • A

    दो कुण्डलियों में प्रवाहित धाराओं पर

  • B

    दोनों कुण्डलियों में प्रवाहित धाराओं की परिवर्तन की दर पर

  • C

    कुण्डलियों की आपेक्षिक स्थिति एवं उनके विन्यास $(orientation)$ पर

  • D

    कुण्डलियों के तारों के पदार्थ पर

Similar Questions

दो कुंडलियों का पारस्परिक प्रेरकत्व $0.002 \mathrm{H}$ है। प्रथम कुंडली में धारा $\mathrm{i}=\mathrm{i}_0 \sin \omega \mathrm{t}$ संबन्ध द्वारा परिवर्तित होती है, जहाँ $\mathrm{i}_0=5 \mathrm{~A}$ तथा $\omega=50 \pi \mathrm{rad} / \mathrm{s}$ है। द्वितीय कुंडली में वि.वा. बल का अधिकतम मान $\frac{\pi}{\alpha} \mathrm{V}$ है। $\alpha$ का मान __है।

  • [JEE MAIN 2024]

${\rm{S}}\,{\rm{I}}$ पद्धति में हेनरी मात्रक है

दो वृत्ताकार कुण्डलियों के केन्द्र एक ही बिन्दु पर स्थित हैं। दोनों का अन्योन्य प्रेरकत्व $(Mutual inductance)$ तब अधिकतम होगा, जब दोनों के अक्ष परस्पर

रुद्ध-दोल धारामापी का संकेतक स्थिर विक्षेप देता है क्योंकि

${R_1}$ व ${R_2}$ त्रिज्या के दो वृत्तीय चालक लूप, जिनके केन्द्र एक ही बिन्दु पर हैं, एक ही तल पर रखे हैं। यदि ${R_1} >  > {R_2}$, तो  उनके बीच अन्योन्य प्रेरकत्व $M$ अनुक्रमानुपाती होगा