रुद्ध-दोल धारामापी का संकेतक स्थिर विक्षेप देता है क्योंकि
जिस फ्रेम पर कुण्डली लिपटी हुई होती है उस चालक फ्रेम में भँवर धाराएँ उत्पन्न हो जाती है
उसका चुम्बक बहुत शक्तिशाली होता है
उसका संकेतक बहुत हल्का होता है
उसका फ्रेम एबोनाइट का बना होता है
एक ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डली में फेरों की संख्या क्रमश: $5$ तथा $10$ है तथा ट्राँसफॉर्मर का अन्योन्य प्रेरकत्व $25$ हेनरी है। अब ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डली में फेरों की संख्या क्रमश: $10$ तथा $5$ कर दी जाती है। ट्राँसफॉर्मर का नया अन्योन्य प्रेरकत्व हेनरी में होगा
चित्र में दर्शाये अनुसार $R$ त्रिज्या का एक वत्ताकार तार लूप (पाश) $x-y$ तल में रखा है और इसका केन्द्र $O$ पर है। इस वत्ताकार लूप के अक्ष पर भुजा $a ( a \ll R )$ की दो फेरों वाली वर्ग-कुंडली रखी है जिसका केन्द्र $z =\sqrt{3 R }$ पर है (चित्र देखिये)। कुण्डली का तल $z$-अक्ष से $45^{\circ}$ कोण पर है। यदि लूप और कुंडली का अन्योन्य प्रेरकत्व $\frac{\mu_0 a ^2}{2^{ p / 2} R }$ है, तब $p$ का मान क्या है ?
${R_1}$ व ${R_2}$ त्रिज्या के दो वृत्तीय चालक लूप, जिनके केन्द्र एक ही बिन्दु पर हैं, एक ही तल पर रखे हैं। यदि ${R_1} > > {R_2}$, तो उनके बीच अन्योन्य प्रेरकत्व $M$ अनुक्रमानुपाती होगा
दो कुंडलियों का पारस्परिक प्रेरकत्व $0.002 \mathrm{H}$ है। प्रथम कुंडली में धारा $\mathrm{i}=\mathrm{i}_0 \sin \omega \mathrm{t}$ संबन्ध द्वारा परिवर्तित होती है, जहाँ $\mathrm{i}_0=5 \mathrm{~A}$ तथा $\omega=50 \pi \mathrm{rad} / \mathrm{s}$ है। द्वितीय कुंडली में वि.वा. बल का अधिकतम मान $\frac{\pi}{\alpha} \mathrm{V}$ है। $\alpha$ का मान __है।
दो कुण्डलियों, $A$ और $B$ में फेरों की संख्या क्रमश: $300$ व $600$ है तथा वे एक दूसरे के पास-पास रखी हैं। कुण्डली $A$ में $3.0$ ऐम्पियर धारा करने पर $A$ से संलग्न फ्लक्स $1.2 \times {10^{ - 4}}\,weber$ है तथा $B$ से संलग्न फ्लक्स $9.0 \times {10^{ - 5}}\,weber$ है। इनका अन्योन्य प्रेरकत्व है