दो $220\; V, 100 \;W$ बल्ब पहले श्रेणी में और फिर समानांतर में जुड़े हुए हैं। हर बार संयोजन $220\; V$ $A.C.$ आपूर्ति से जुड़ा होता है। क्रमशः प्रत्येक स्थिति में संयोजन द्वारा खींची गई शक्ति क्या होगी?
$50\; watt, 100 \;watt$
$50 \;watt, 200 \;watt$
$100\; watt, 50 \;watt$
$200 \;watt, 150\; watt$
एक $40$ मीटर ऊँचे बांध से पानी $9 \times 10^4\,kg$ प्रति घण्टा की दर से गिरता हैं। गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का $50 \%$ विद्युत ऊर्जा में रुपान्तरित हो सकता है, तो इस जलविद्युत ऊर्जा से कितने $100\,W$ बल्ब जलाऐ जा सकते है ? $( g =10\,ms ^{-2})$
एक ही पदार्थ से बने दो चालकों को एक ही विभवान्तर से जोड़ा जाता है। चालक $A$ का व्यास और लम्बाई चालक $B$ के व्यास और लम्बाई की दो गुनी है। दोनों चालकों को दी गई शक्ति क्रमश: ${P_A}$ एवं ${P_B}$ इस प्रकार होगी कि ${P_A}/{P_B}$ है
एक अज्ञात प्रतिरोधक से $2\, mA$ धारा प्रवाहित की जाती है जो $4.4 \,W$ शक्ति व्ययित करता है। इसके सिरों पर एक $11\, V$ की आदर्श शक्ति आपूर्ती को जोड़ा जाता है तो व्ययित शक्ति होगी।
हीटर के दो समरूप फिलामेंटों को पहले समानान्तर क्रम में फिर श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है। समान आरोपित विभव के लिए, समान समय में समानान्तर क्रम में उत्पन्न ऊष्मा का श्रेणीक्रम में उत्पन्न ऊष्मा से अनुपात होगा:
$40\, W$, $60\, W$ और $100\, W$ के तीन प्रकाश बल्ब श्रेणी-संयोंजन में $220\, V$ के स्रोत से जोड़े गए है। तीनों में से ............ $W$ बल्ब की दीप्ति उच्चतम होगी