हीटर के दो समरूप फिलामेंटों को पहले समानान्तर क्रम में फिर श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है। समान आरोपित विभव के लिए, समान समय में समानान्तर क्रम में उत्पन्न ऊष्मा का श्रेणीक्रम में उत्पन्न ऊष्मा से अनुपात होगा:
$4: 1$
$2: 1$
$1: 2$
$1: 4$
$50\, W$ तथा $250\, V$ अंकित बल्ब से प्रवाहित धारा............ ऐम्पियर होगी
$6\,\Omega $ एवं $9\Omega $ के दो प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़कर इस संयोजन को $120$ वोल्ट स्रोत से जोड़ा जाता है। $6\,\Omega $ वाले प्रतिरोध में व्यय शक्ति ............. $W$ होगी
दो हीटर $\mathrm{A}$ व $\mathrm{B}$ की शक्ति दर क्रमशः $1 \mathrm{~kW}$ तथा $2 \mathrm{~kW}$ है। दोनों पहले श्रेणी क्रम में तथा फिर समान्तर क्रम में एक सिथर शक्ति स्रोत से जोड़े जाते हैं इइऩ दोनों स्थितियों में निर्गत शक्तियों का अनुपात है:
समान मात्रा में ऊप्मा ऊर्जा उत्पन्न करने के लिये दो कुण्डलियों को क्रमशः $20$ मिनट तथा $60$ मिनट की आवश्यकता होती है। यदि इन्हें समान स्त्रोत से समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है तो कुण्डलियों के संयोजन द्वारा ऊप्मा की समान मात्रा उत्पन्न करने में लगा आवश्यक समय (मिनट में) ज्ञात कीजिये।
एक बल्ब, जिसके अंकित मान (Ratings) $100\,W$ -$200\,V$ हैं, को $100$ वोल्ट की लाइन से जोड़ दिया जाता है। बल्ब में प्रवाहित धारा है