तीन एक समान कण किसी डोरी द्वारा चित्रानुसार आपस में जुड़े हैं। सभी तीनों कण क्षैतिज तल में गति कर रहे हैं यदि बाह्यतम कण का वेग $v_0$ हो तो डोरी के तीनों भागों में तनावों का अनुपात है
$3:5:7$
$3:4:5$
$7:11:6$
$3:5:6$
एक कार समान वेग $v$ से एक वृत्तीय मार्ग पर मुड़ती है। यदि उसके भीतरी तथा बाहरी पहियों पर प्रतिक्रिया बल क्रमश:${R_1}$व ${R_2}$हों, तो
कंक्रीट मिक्सचर बनाने के लिये सीमेंट, रेत तथा रोड़ी को एक घूर्णीय बेलनाकार ड्रम में डाला जाता है। यदि ड्रम की घूर्णन-गति बहुत तेज हो तो संघटक ड्रम की दीवार से चिपके रहते हैं और मिक्सचर ठीक से नहीं बनता। यदि ड्रम की त्रिज्या $1.25 \;m$ है और इसकी धुरी क्षैतिज है, तब अच्छी तरह मिक्स होने के लिये जरूरी अधिकतम घूर्णीय-गति $rpm$ में है
एक साइकिल सवार $34.3$ मीटर परिधि के वृत्तीय पथ पर $\sqrt {22} $ सैकण्ड में घूमता है, तो उसके द्वारा ऊध्र्वाधर के साथ बनाया गया कोण ....... $^o$ होगा
$l$ लम्बाई की एक डोरी के एक सिरे से $^{\prime} m ^{\prime}$ द्रव्यमान का एक कण जुड़ा है और इसका दूसरा सिरा एक चिकने समतल मेज पर लगी छोटी सी खूँटी से जुड़ा है। यदि यह कण वृत्ताकार पथ पर $v$ चाल से घूर्णन करता है तो, उस पर लगने वाला नेट बल ( केन्द्र की ओर) होगा : ( $T$ - रस्सी पर तनाव है )
$m$ द्रव्यमान के एक कण को $l$ लम्बाई की एक हल्की डोरी, जो कि $O$ पर स्थिर रुप से जुड़ी है, की सहायता से नियत चाल से क्षैतिज वृत्त में चित्रानुसार घुमाया जा रहा है, तो द्रव्यमान के सापेक्ष स्थिर प्रेक्षक की दृष्टि में द्रव्यमान पर कार्यरत् बलों का चित्रण है