एक वृत्ताकार नली ऊर्ध्वाधर तल में है। दो द्रव, जो एक दूसरे से मिश्रित नहीं होते तथा जिनका घनत्व $d_{1}$ एवं $d_{2}$ हैं, नली में भरे गये हैं। प्रत्येक द्रव केन्द्र पर $90^{\circ}$ का कोण अंतरित करता हैं। उनके अंत: पृष्ठ को जोड़ने वाली त्रिज्या ऊर्ध्वाधर से $\alpha$ कोण बनाती हैं। अनुपात $\frac{d_{1}}{d_{2}}$ है :
$\frac{{1 + cos\alpha }}{{1 - cos\alpha }}$
$\;\frac{{1 + tan\alpha }}{{1 - tan\alpha }}$
$\;\frac{{1 + sin\alpha }}{{1 - cos\alpha }}$
$\;\frac{{1 + sin\alpha }}{{1 - sin\alpha }}$
$12^{\circ} \mathrm{C}$ तापमान पर $40 \mathrm{~m}$ गहरी झील की तली से $1 \mathrm{~cm}^3$ आयतन का एक वायु का बुलबुला उठता है। वायुमण्डलीय दाब $1 \times 10^5 \mathrm{~Pa}$, गुरुत्वीय त्वरण $\mathrm{g}=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ एवं पानी का घनत्व $1000 \mathrm{~kg} / \mathrm{m}^3$ है। पानी की सतह एवं $40 \mathrm{~m}$ की गहराई पर पानी के तापमान में कोई अन्तर नहीं है। जब वायु का बुलबुला सतह पर पहुँचता है तब इसका आयतन होगा:
एक $U-$ नली जिसकी बांयी भुजा के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल दांयी भुजा के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का एक चौथाई है। $ U-$ नली में पारा (घनत्व $13.6 g/cm^3$ )भरा है। पतली नली में पारा नली के ऊपरी सिरे से $36 cm$ नीचे है। दांयी ओर की नली में पारे की ऊँचाई ...... $cm$ बढ़ जाएगी यदि बांयी नली में ऊपरी सिरे तक पानी भर दिया जाए
किसी दाबमापी को किसी द्रव (घनत्व = $760 \,kg / m ^{3}$ ) का उपयोग करके बनाया गया है । जब पारद दाबमापी का पाठ्यांक $76\, cm$ है, तो इस दाबमापी में द्रव के सतम्भ की ऊंचाई $......\,m$ है ? $($ पारे का घनत्व $= \left.13600 \,kg / m ^{3}\right)$
स्थिर लिफ्ट में रखा दाबमापी $76 cm$ पाठ देता है। यदि लिफ्ट ऊपर की ओर त्वरित गति करे तो दाबमापी का पाठ होगा
एक समतल प्लेट ${v_1}$ वेग से, पानी के क्षैतिज पाइप (एक समान अनुप्रस्थकाट) की ओर अभिलम्बवत् गति कर रही है। यह पाइप आयतन $V$ प्रति सैकण्ड की दर से, ${v_2}$ वेग से पानी छोड़ता है। पानी का घनत्व $\rho $ है। माना कि पानी, प्लेट पर उसकी मूल गति के लम्बवत् पड़ता है, तो पानी के कारण प्लेट पर कार्यरत् बल का परिणाम है