हवा में उड़ते हुये वायुयान का भार सन्तुलित होता है
वायुयान की पंखुडियों के निचले भाग में वायु के टकराने के कारण उत्पé प्रणोद् के ऊध्र्वाधर घटक से
प्रोपेलर के घूमने के कारण उत्सर्जित हवा के प्रतिक्रियात्मक बल से
हवा के द्वारा दिये गये उत्प्लावन बल से जिसका मान वायुयान के आयतन के बराबर होता है
वायुयान के ऊपरी व निचले भागों में दाब अन्तर के कारण बल से जो कि सतह पर वायु की भिन्न चालों के कारण उत्पन्न होता है
किसी आदर्श वायुयान के परीक्षण प्रयोग में वायु-सुरंग के भीतर पंखों के ऊपर और नीचे के पृष्ठों पर वायु-प्रवाह की गतियाँ क्रमशः $70\, m s ^{-1}$ तथा $63\, m s ^{-1}$ हैं । यदि पंख का क्षेत्रफल $2.5\, m ^{2}$ है, तो उस पर आरोपित उत्थापक बल परिकलित कीजिए । वायु का घनत्व $1.3\, kg m ^{-2}$ लीजिए
कोई वायुयान किसी निश्चित ऊँचाई पर किसी नियत चाल से आकाश में उड़ रहा है तथा इसके दोनों पंखों में प्रत्येक का क्षेत्रफल $25\, m ^{2}$ है । यदि वायु की चाल पंख के निचले पृष्ठ पर $180\, km\, h ^{-1}$ तथा ऊपरी पृष्ठ पर $234\, km\, h ^{-1}$ है, तो वायुयान की संहति ज्ञात कीजिए । ( वायु का घनत्व $1\, kg\, m ^{-2}$ लीजिए)
किसी क्षैतिज नली में केरोसिन तेल का प्रवाह वेग $5 \,m/s $ है। यदि $g = 10\,m/{s^2}$ हो, तो तेल का वेग ....... $m$ शीर्ष होगा
एक आदर्श द्रव जिसका घनत्व $800\,kgm ^{-3}$ है, अनुप्रस्थ काट क्षैत्रफल $a$ से $\frac{ a }{2}$ वाले मुड़े हुए पाईप से बिना घर्पण बहता है। पाईप के चौड़े एवं संकरे भाग के मध्य दाबांतर $4100\,Pa$ है। यदि चौड़े क्षेत्रफल पर द्रव का वेग $\frac{\sqrt{ x }}{6} ms ^{-1}$ है, तो $x$ का मान ज्ञात कीजिए। $\left( g =10 m ^{-2}\right)$
द्रव से भरे एक बेलनाकार पात्र अक्ष के परितः घूर्णन गति करता है तथा द्रव पात्र में चित्रानुसार चढ़ता है। पात्र की त्रिज्या $5\, cm$ एवं घूर्णन का कोणीय वेग $\omega$ रेडियन$/s$ है। पात्र के केन्द्र एवं किनारे के बीच द्रव की ऊँचाई, $h( cm$ में) में अन्तर है