द्रव से भरे एक बेलनाकार पात्र अक्ष के परितः घूर्णन गति करता है तथा द्रव पात्र में चित्रानुसार चढ़ता है। पात्र की त्रिज्या $5\, cm$ एवं घूर्णन का कोणीय वेग $\omega$ रेडियन$/s$ है। पात्र के केन्द्र एवं किनारे के बीच द्रव की ऊँचाई, $h( cm$ में) में अन्तर है

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  • [JEE MAIN 2020]
  • A

    $\frac{25 \omega^{2}}{2 g}$

  • B

    $\frac{2 \omega^{2}}{5 g}$

  • C

    $\frac{5 \omega^{2}}{2 g}$

  • D

    $\frac{2 \omega^{2}}{25 g}$

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कोई वायुयान किसी निश्चित ऊँचाई पर किसी नियत चाल से आकाश में उड़ रहा है तथा इसके दोनों पंखों में प्रत्येक का क्षेत्रफल $25\, m ^{2}$ है । यदि वायु की चाल पंख के निचले पृष्ठ पर $180\, km\, h ^{-1}$ तथा ऊपरी पृष्ठ पर $234\, km\, h ^{-1}$ है, तो वायुयान की संहति ज्ञात कीजिए । ( वायु का घनत्व $1\, kg\, m ^{-2}$ लीजिए)

तली में एक छोटे छिद्र वाले टैंक को पानी एवं मिट्टी के तेल (आपेक्षित घनत्व $0.8$ ) से भरा गया है। पानी की ऊँचाई $3 m$ है और मिट्टी के तेल की $2\; mI$ जब छिद्र को खोल दिया जाता है, तब निकलने वाले द्रव की चाल लगभग होगी $\dots ms^{-1}$: $\left( g =10 \;ms ^{-2}\right.$ ले और पानी का घनत्व $=10^{3}\; kg m ^{-3}$ )

  • [JEE MAIN 2014]

$L-$ आकार की कांच की नली बहते जल मेंं चित्रानुसार डूबी है। नीचे का निचला खुला सिरा जल धारा के विपरीत ओर है। यदि जल धारा का वेग $ v $ हो तो

दर्शाये गये चित्र में, दो नलियों के मेनोमीटर में अन्तर $5 \;cm$ हैं। $A$ एवं $B$ नलियों के अनुप्रस्थ काट क्रमशः $6\; mm ^{2}$ एवं $10\; mm ^{2}$ हैं। नली में प्रवाहित पानी की दर हैं $\left( g =10 \;ms ^{-2}\right)$

  • [JEE MAIN 2014]

$L-$ आकार की एक नली चित्रानुसार जल की बहती धारा में रखी है। नली का ऊपरी सिरा द्रव सतह से $ 10.6 cm $ ऊपर है। नली से बाहर ऊपर की ओर निकलने वाली धारा की ऊँचाई ....... $cm$ होगी ? जल धारा का वेग $2.45 m/s $ है