एक असम्पीड्य (incompressible) द्रव को एक छिद्र वाले भार-रहित पिस्टन लगे पात्र में रखा गया है। चित्रानुसार, एक $0.1 mm$ त्रिज्या वाली केशनली को पिस्टन के वायुरोधी (airtight) छिद्र में से ऊर्ध्वाधर रखते हुए द्रव में डुबाया गया है। पिस्टन द्वारा पात्र की वायु का समतापीय संपीडन (isothermal compression) करने से आयतन $V_0$ से $\frac{100}{101} V_0$ हो जाता है। यदि वायु को आदर्श गैस मानें, तब द्रव के स्तर से ऊपर केशनली में द्रव की ऊँचाई $(h)$ का मान $cm$ में. . . . . . . . . .है।
[दिया है: द्रव का पृष्ठ तनाव $0.075 N m ^{-1}$ है, वायुमण्डलीय दाब $10^5 N m ^{-2}$ है, गुरुत्वीय त्वरण $(g) 10 m s ^{-2}$ है, द्रव का घनत्व $10^3 kg m ^{-3}$ है तथा केशनली की सतह का द्रव के साथ स्पर्श कोण (contact angle) शून्य है]
$30$
$25$
$50$
$20$
चित्रानुसार, किसी प्रदर्शन में साइफन (Siphon) का प्रयोग होता है। साइफन में प्रवाहित द्रव का घनत्व $ 1.5 gm/cc $ है। बिन्दु $P $ व $S $ पर दाबों का अतंर होगा
एक खुली काँच की नली को पार में इस प्रकार डुबोया जाता है कि पारे के स्तर से $8\, cm$ ऊपर काँच की नली की लम्बाई है। नली के ख़ुले सिरे को अब बन्द कर सील कर दिया जाता है और नली को ऊर्ध्वाधर अतिरिक्त $46\, cm$ से ऊपर उठाया जाता है। नली में पारे के ऊपर वायु स्तम्भ की लम्बाई अब ....$cm$ होगी? (वायुमंडलीय दाब $= Hg$ का $76 \,cm )$
एक बेलनाकार भट्टी (cylindrical furnace) की ऊँचाई $(H)$ एवं व्यास $(D)$ दोनों $1 m$ हैं। यह भट्टी तापमान $360 K$ पर कायम (maintained) है। भट्टी के अन्दर वायु एक स्थिर दाब $P_a$ पर गर्म होती है तथा वायु का तापमान $T=360 K$ हो जाता है। घनत्व $\rho$ वाली गर्म वायु, भट्टी के ऊपर स्थित व्यास $d=0.1 m$ एवं $h=9 m$ ऊँचाई की एक ऊर्ध्वाधर चिमनी में ऊपर उठकर बाहर निकलती है (चित्र देखें)। परिणामतः वायुमंडलीय वायु, जिसका घनत्व $\rho_a=1.2 kg m ^{-3}$, दाब $P_a$ तथा तापमान $T_a=300 K$ है, भट्टी में प्रवेश करती है। वायु को आदर्श गैस मानें, चिमनी एवं भट्टी के अंदर $\rho$ और $T$ के विचरण (variation) एवं श्यानता (viscosity) के प्रभावों को नगण्य मानें।
[दिया है: गुरुत्वीय त्वरण $g=10 m s ^{-2}$ तथा $\pi=3.14$ ]
($1$) यदि वायु का प्रवाह धारारेखीय (streamline) है, तब चिमनी से निर्गत वायु के अपरिवर्ती द्रव्यमान प्रवाह (steady mass flow) की दर. . . . . . .$gm s ^{-1}$ है।
($2$) चिमनी के शीर्ष को एक ढक्कन से बंद करने पर ढक्कन की ऊपरी तथा निचली सतहों के मध्य $\Delta P$ दाबांतर उत्पन्न हो जाता है। यदि वायु प्रवाह के बंद होने से उसके तापमान एवं घनत्व में परिवर्तन नगण्य हैं तो $\Delta P$ का मान. . . . . . . . .$N m ^{-2}$ है।
दिये गए सवाल का जवाब दीजिये ($1$) और ($2$)
एक समान अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल वाली दी गई काँच की नली को पानी से भरकर घूमती हुई शाफ्ट पर लगाया गया है, जैसा कि चित्र में प्रदर्शित है यदि नली नियत कोणीय वेग $\omega $ से घूर्णन करती है, तब
किसी त्रिभुजाकार पटल का क्षेत्रफल $A$ व ऊँचाई $ h $ है इसे $\rho $ घनत्व के द्रव में ऊध्र्वाधर इस प्रकार डुबोया जाता है कि, आधार द्रव तल पर रहें तो पटल पर उत्प्लावन बल होगा