पृथ्वी पर किसी विशेष बिन्दु पर $‘g’$ का मान $9.8\,m/{s^2}$ है। माना कि अब पृथ्वी बिना द्रव्यमान क्षति के एक समान रूप से प्रारम्भिक आकार के आधे आकार में सिकुड़ जाती है तो इसी बिन्दु पर $ ‘g’ $ का मान ........ $m/{\sec ^2}$ होगा (माना कि इस बिन्दु की दूरी, पृथ्वी के केन्द्र के सापेक्ष नहीं सिकुड़ी है)
$4.9$
$3.1$
$9.8$
$19.6$
$1$ किग्रा द्रव्यमान का भार चन्द्रमा पर $1/6$ रह जाता है। यदि चन्द्रमा की त्रिज्या $1.768 \times {10^6}$मीटर हो तो चन्द्रमा का द्रव्यमान होगा
$100\, kg$ द्रव्यमान का कोई व्यक्ति अंतरिक्षयान द्वारा पथ्वी से मंगल की यात्रा करता है। आकाश के सभी पिण्डों की उपेक्षा कीजिए और पथ्वी और मंगल के पष्ठों पर गुरूत्वीय त्वरण के मान क्रमशः $10 \,m / s ^{2}$ और $4\, m / s ^{2}$ लीजिए। नीचे दिए गए आरेख से उस वक्र को पहचानिए जो समय के फलन के रूप में यात्री के भार के लिए सबसे अधिक उपयुक्त हो।
पृथ्वी की त्रिज्या $R$, कोणीय वेग $\omega $ तथा ध्रुवों पर $ ‘g’$ का मान ${g_p}$ है। अक्षांश $\lambda = 60^\circ $ पर $‘g’$ का प्रभावी मान होगा
पृथ्वी की त्रिज्या $6400\; km$ तथा मंगल ग्रह की त्रिज्या $3200\; km$ है। पृथ्वी का द्रव्यमान मंगल ग्रह के द्रव्यमान का लगभग $10$ गुना है।। एक पिण्ड का पृथ्वी सतह पर भार 200 N है।मंगल की सतह पर इसका वजन होगा