चाँदी (परमाणु संख्या = $47$) के नाभिक की त्रिज्या $3.4 \times {10^{ - 14}}\,m$ है। नाभिक की सतह पर विद्युत विभव होगा $(e = 1.6 \times {10^{ - 19}}\,C)$
$1.99 \times {10^6}\,volt$
$2.9 \times {10^6}\,volt$
$4.99 \times {10^6}\,volt$
$0.99 \times {10^6}\,volt$
एक पतला गोलीय कोश किसी स्रोत द्वारा आवेशित किया गया है।प्रदर्शित चित्र के अनुसार दो बिन्दुओं $C$ व $P$ के बीच विभवान्तर (वोल्ट में) है:
(दिया है $\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}=9 \times 10^9 \mathrm{SI}$ मात्रक में)
एक बिन्दु आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विभव का मान होगा
प्रत्येक $10\,V$ तक आवेशित पारे की $64$ बूँदों को मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी गयी है। बड़ी बूँद पर विभव ........$V$ होगा (प्रत्येक बूँद गोलाकार मानी जाये)
एक समद्विबाहु त्रिभुज के $B$ व $C$ शीर्षों पर $ + \,q$ तथा $ - \,q$ आवेश रखे गये हैं शीर्ष $A$ पर विभव होगा
$1.5\, \mu C$ और $2.5\, \mu C$ आवेश वाले दो सूक्ष्म गोले $30 \,cm$ दूर स्थित हैं।
$(a)$ दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के मध्य बिंदु पर, और
$(b)$ मध्य बिंदु से होकर जाने वाली रेखा के अभिलंब तल में मध्य बिंदु से $10\, cm$ दूर स्थित किसी बिंदु पर विभव और विध्यूत क्षेत्र ज्ञात कीजिए।