धातुओं के बने हुए दो गोलाकार समकेन्द्रीय खोलों की त्रिज्या $R$ और $4 R$ है तथा इन पर क्रमश: $Q _{1}$ और $Q _{2}$ आवेश हैं। यदि दोनों खोलों पर सतहीय आवेश घनत्व (surface charge density) समान हो तो विभवान्तर $V ( R )- V (4 R )$ का मान है :

  • [JEE MAIN 2020]
  • A

    $\frac{3 Q_{1}}{16 \pi \varepsilon_{0} R}$

  • B

    $\frac{ Q _{2}}{4 \pi \varepsilon_{0} R }$

  • C

    $\frac{3 Q _{1}}{4 \pi \varepsilon_{0} R }$

  • D

    $\frac{3 Q _{2}}{4 \pi \varepsilon_{0} R }$

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$N$ एकसमान गोलीय बूँदें जो समान विभव $V$ तक आवेशित है, मिलकर एक बड़ी बूँद बनाती है। नई बूँद का विभव होगा

दो अचालक $R_1$ तथा $R_2$ त्रिज्या वाले गोलों को क्रमशः $+\rho$ तथा $-\rho$ एकसमान आयतन आवेश घनत्व से आवेशित किया गया है। इन गोलों को चित्र में दर्शाए अनुसार इस प्रकार जोड़ कर रखा गया है कि वे आंशिक रूप से अतिछादित है। अतिछादित क्षेत्र के प्रत्येक बिन्दु पर -

$(A)$ स्थिर विधुत क्षेत्र शून्य है।

$(B)$ स्थिर विधुत विभव अचर है।

$(C)$ स्थिर विधुत क्षेत्र का परिमाण अचर है।

$(D)$ स्थिर विधुत क्षेत्र की दिशा एकसमान है।

  • [IIT 2013]

एक समद्विबाहु त्रिभुज के $B$ व $C$ शीर्षों पर $ + \,q$ तथा $ - \,q$ आवेश रखे गये हैं शीर्ष $A$ पर विभव होगा

  • [AIIMS 2002]

एक पतले गोलीय कोश (shell) का केन्द्र उद्गम पर है व त्रिज्या $R$ है। उस पर धनावेश इस प्रकार वितरीत है कि पष्ठ-घनत्व एकसमान है। विधुत क्षेत्र के मान $|\vec{E}(r)|$ और विधुत -विभव $V(r)$ का , केन्द्र से दूरी $r$ के साथ बदलाव का सर्वोत्तम वर्णन किस ग्राफ में है।

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$r$ तथा $R$ त्रिज्या $( > r)$ के दो संकेन्द्रीय एवं खोखले गोलों पर आवेश $Q$ इस प्रकार से वितरित है कि इनके पृष्ठीय आवेश घनत्व समान हैं। इनके उभयनिष्ठ केन्द्र पर विभव होगा

  • [JEE MAIN 2020]