किसी समांतर श्रेढ़ी में पदों की संख्या सम है। इसके विषम पदों का योग $24$ है तथा सम पदों का योग $30$ है। यदि अंतिम पद, प्रथम पद से $10 \frac{1}{2}$ अधिक है, तो समांतर श्रेढ़ी में पदों की संख्या है
$4$
$8$
$12$
$16$
माना $\frac{1}{x_{1}}, \frac{1}{x_{2}}, \ldots, \frac{1}{x_{ n }}(i=1,2, \ldots, n$ के लिए $x_{i} \neq 0$ है) समांतर श्रेढ़ी में ऐसे हैं कि $x_{1}=4$ तथा $x_{21}=20$ है। यदि $n$ का न्यूनतम धनपूर्णांक मान जिसके लिए $x_{ n } >50$ है, तो $\sum_{i=1}^{ n }\left(\frac{1}{x_{i}}\right)$ बराबर है
यदि $A =\left\{1, a _1, a _2 \ldots \ldots a _{18}, 77\right\}$ पूर्णांको का एक समुच्चय है जिसमें $1 < a _1 < a _2 < \ldots . . < a _{18} < 77$ है। माना समुच्चय $A + A =\{ x + y : x , y \in A \}$ में ठीक $39$ अवयव है। तब $a_1+a_2+\ldots . .+a_{18}$ का मान होगा
माना कि $AP ( a ; d )$ एक अनंत समान्तर श्रेणी (infinite arithmetic progression) के पदों का समुच्चय (set) है जिसका प्रथम पद $a$ तथा सर्वान्तर (common difference) $d >0$ है। यदि $AP (1 ; 3) \cap \operatorname{AP}(2 ; 5) \cap AP (3 ; 7)=$ $AP ( a ; d )$ है, तब $a + d$ बराबर . . . . .
$250$ से $1000 $ तक की संख्यायें जो $3$ से विभाजित हों, का योग होगा
यदि किसी समांतर श्रेणी के $n$ पदों का योग $n P +\frac{1}{2} n(n-1) Q$, है, जहाँ $P$ तथा $Q$ अचर हो तो सार्व अंतर ज्ञात कीजिए।