किसी बिन्दु पर पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र $0.5 \times {10^{ - 5}}\,Wb{\rm{ - }}{m^{ - 2}}$ है। इस क्षेत्र को $5.0$ सेमी त्रिज्या वाले एक वृत्ताकार चालक लूप के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा निरस्त किया जाता है। तब लूप में प्रवाहित धारा ......$A$ होगी लगभग
$0.2$
$0.4$
$4$
$40$
दो पतले सर्व समरूपी चालकीय तार बहुत पतले रोधी पदार्थ से ढ़के हुए हैं। एक तार को मोड़कर एक लूप बनाया जाता है जो कि अपने केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B _{1}$ उत्पत्र करता है जब इसमें धारा $I$ प्रवाहित होती है। दूसरे तार को तीन सर्वसमरूपी लूपों में मोड़कर और एक साथ रखकर कुण्डली बनाते हैं जो कि लूपों के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B _{2}$ उत्पत्र करता है जब इसमें धारा $I / 3$ प्रवाहित होती है। अनुपात $B _{1}: B _{2}$ है
$A$ और $B$ दो संकेन्द्रीय वृत्ताकार चालक हैं, जिनका केन्द्र $O$ है एवं इनमें प्रवाहित धारायें ${i_1}$ व ${i_2}$ हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। यदि इनकी त्रिज्याओं का अनुपात $1 : 2$ एवं केन्द्र $O$ पर $A$ और $B$ के कारण उत्पन्न चुम्बकीय फ्लक्स घनत्वों का अनुपात $1:3$ है तब ${i_1}/{i_2}$ का मान है
$a$ त्रिज्या की धारावाही वत्तीय कुण्डली के अक्ष पर केन्द्र से $'r'$ दूरी पर तथा उसी कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता से भिन्नात्मक परिवर्तन होता है ( $r\, <\, a$ लीजिये)
एक वृत्ताकार चालक $ABCD$, जिसका केन्द्र $O$ एवं $AOC = {60^o}$ है, के बिन्दुओं $A$ व $C$ के बीच एक बैटरी को जोड़ा गया है। यदि $ABC$ एवं $ADC$ में प्रवाहित धाराओं के कारण केन्द्र $O$ पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्रों के परिमाण क्रमश: ${B_1}$ व ${B_2}$ हैं, तो अनुपात $\frac{{{B_1}}}{{{B_2}}}$ है
दो वृत्ताकार कुण्डली $X$ एवं $Y$ में लपेटों की संख्या समान है एवं इनमें एकसमान धारा प्रवाहित हो रही है ये कुण्डलियाँ (चित्रानुसार) बिन्दु $O$ पर समान घनकोण अन्तरित करती है। छोटी कुण्डली $X$, कुण्डली $Y$ एवं बिन्दु $O$ के ठीक मध्य में स्थित है। यदि बिन्दु $O$ पर कुण्डली $Y$ के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $B_Y$ एवं $X$ के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $B_X$ हो तब