एक वृत्ताकार चालक $ABCD$, जिसका केन्द्र $O$ एवं $AOC = {60^o}$ है, के बिन्दुओं $A$ व $C$ के बीच एक बैटरी को जोड़ा गया है। यदि $ABC$ एवं $ADC$ में प्रवाहित धाराओं के कारण केन्द्र $O$ पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्रों के परिमाण क्रमश: ${B_1}$ व ${B_2}$ हैं, तो अनुपात $\frac{{{B_1}}}{{{B_2}}}$ है
$0.2$
$6$
$1$
$5$
$a$ त्रिज्या की धारावाही वत्तीय कुण्डली के अक्ष पर केन्द्र से $'r'$ दूरी पर तथा उसी कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता से भिन्नात्मक परिवर्तन होता है ( $r\, <\, a$ लीजिये)
चित्र में प्रदर्शित धारा व्यवस्था के कारण मध्य बिन्दु $\mathrm{O}$ पर चुम्बकीय प्रेरण का परिमाण होगा :
एक परिपथ का सीधा भाग $PQ$, $X$-अक्ष के अनुदिश है जो $x = - \frac{a}{2}$ एवं $x = \frac{a}{2}$ के बीच रखा है। इसमें से अचर धारा i प्रवाहित हो रही है। इस भाग $PQ$ द्वारा $X = + a$ बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होगा
दी गई व्यवस्था में बिन्दु $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र है